Hindi, asked by skwiwi12, 1 year ago

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Answered by shailajavyas
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Answer:  हरिहर  काका

उत्तर 1: कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध है। इस संबंध के मुख्य कारण थे -कथावाचक और हरिहर काका का पड़ोसी होना, बचपन में हरिहर काका का कथावाचक को खूब प्यार और दुलार देना था तथा बड़ा होने पर कथावाचक और हरिहर काका का आपस में मित्रता का संबंध स्थापित हो जाना। जिसके कारण हरिहर काका और कथावाचक आपस में खुलकर बातचीत करते थे।  

उत्तर  :     हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोनों ने पहले तो काका को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाना शुरू किया जब उससे भी बात नहीं बनी तो उन पर ताकत का प्रयोग करना शुरू कर दिया। दोनों ही उनकी जमीन को हथियाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे इसलिए हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे।    

उत्तर 3  :  गाँव के लोगों में आस्था इस हद तक होती है कि वे अन्धविश्वासी बन जाते है | ठाकुरबारी के प्रति गाँववालों के मन में अपार श्रद्धा के भाव थे | अपनी हर छोटी-बड़ी सफलता का श्रेय वे ठाकुरबारी को ही देते थे। गाँववालों की ठाकुरजी के प्रति अगाध विश्वास, भक्ति-भावना थी | वे मंदिर और धर्म के स्थान को पवित्र और निष्कलंक मानते थे तथा महंत, पुजारी और पंडित को धर्म के ठेकेदार | अस्तु उनपर भी गांववालों की अंधश्रद्धा होती है | इससे उनकी धर्मभीरुता और अन्धविश्वासी मनोवृतियों का पता चलता है।  

 उत्तर 4:    हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। वे यह जानते थे कि जब तक जमीन उनके पास है तब तक सभी उनका आदर करेंगें। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे मंहत उकसाते थे तब उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालों की याद आती थी। काका ने उन्हें नारकीय जीवन जीते देखा था इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे।  

   उत्तर 5   :    हरिहर काका को जबरन उठानेवाले महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों से लैस होकर आते हैं और हरिहर काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। वहाँ उनके साथ बड़ा ही दुर्व्यवहार किया जाता है। उन्हें समझा बुझाकर और न मानने पर डरा धमकाकर सादे कागजों पर अँगूठे के  निशान ले लिए जाते हैं। उसके बाद उनके मुहँ में कपड़ा ठूँसकर उन्हें अनाज के गोदाम में बंद कर दिया जाता है। जब पुलिस आती है तो स्वयं गुप्त दरवाजे से भाग जाते है |  

   उत्तर 6:       हरिहर काका के मामले में गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए थे कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुरबारी को दे दें ताकि उन्हें सुख आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले। यह सोच उनके धार्मिक प्रवृत्ति और ठाकुरबारी से मिलनेवाले स्वादिष्ट प्रसाद के कारण थी |

                      दूसरे पक्ष के लोग जो कि प्रगतिशील विचारों वाले थे उनका मानना था कि काका को वह जमीन परिवार वालो को दे देनी चाहिए। उनका कहना था इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक और भी कारण यह था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी।

उत्तर 7      हरिहर काका को जब अपने भाईयों और महंत की असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालों के मोह माया में फँसकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिल-तिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए | अस्तु उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है। अर्थात् मृत्यु जीवन की अटल सच्चाई है यह वह मान चुके थे इसलिए अब वे महंत या अपने भाईयों के दिखावे या धमकाने पर भी अपनी जमीन किसी के भी नाम नहीं करना चाहते थे।

            अत: लेखक ने कहा कि अज्ञान की स्थिति में मनुष्य मृत्यु से डरता है परन्तु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहता है।  

  उत्तर 8 :    समाज में रिश्तों-नातों का एक विशेष स्थान है। सामाजिक जीवन को सुचारू रखने के किए इनकी महत्ता को कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है। परन्तु आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य  धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं|  आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन जाय़दाद, पैसे जेवर के लिए लोग मारपीट ,हत्या लूट जैसा घृणित कार्य करने से भी नहीं कतराते हैं। इसलिए तो कहानी के हरिहर काका जैसे लोगों को अपने खून के रिश्तेदारों से बचने के लिए पुलिस की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि जब रिश्तों पर स्वार्थ का रंग गहरा होने लगता है तो सारे रिश्ते बेमानी हो जाते हैं।  

    उत्तर 9  :     यदि हमारे आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में यदि कोई  हो तो हम उसकी हर संभव मदद करने का प्रयास करेंगे। सर्वप्रथम हम अनुभवी लोगों और बुजर्गों को साथ लेकर उन्हें यह अहसास दिलाएँगे कि वे अकेले नहीं है समाज उनके साथ मजबूती से खड़ा है, उनके परिवार को समझाने का प्रयास करेगें। स्वयंसेवी संस्था से मिलकर भी उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगें। इस पर भी यदि समस्या नहीं सुलझती है तो हम पुलिस और मिडिया की सहायता लेने से भी नहीं हिचकिचाएँगे।  

उत्तर 10:     हरिहर काका की बात मिडिया तक पहुँच जाती तो जो दुखी और एकाकी जीवन वे व्यतीत कर रहे थे वह उन्हें मिडिया के हस्तक्षेप हो जानेपर नही बिताना पड़ता। वे अपने पर हुए अत्याचार लोगों को न केवल बताकर भयमुक्त हो जाते बल्कि उनके कारण कई और लोग भी जागृत हो जाते। साथ ही मिडिया वहाँ पहुँचकर सबकी पोल खोल देती, मंहत व भाईयों का पर्दाफाश हो जाता। अपहरण, धमकाने और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती। मिडिया उन्हें स्वतंत्र और भयमुक्त जीवन की उचित व्यवस्था भी करवा देती।  

 

 

 

 

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