Hindi, asked by mehtanisha237, 5 hours ago

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Answered by prakashakash802
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Answer:

बच्चे अपने माता–पिता को देखकर ही सब कुछ सीखते है जैसे आदतें, तौर–तरीके, बोलचाल इत्यादि। । बच्चों के लिए उनके माता–पिता हमेशा उनके उदहारण होते हैं, कभी–कभी मुसीबत पड़ने पर वो उनके द्वारा बताए गए मार्गदर्शन का पालन भी करते हैं, और बच्चों को छोटी उम्र से ही यह आदत पड़ जाती है।जैसे–जैसे बच्चे बढ़ते हैं, वह अपने माता–पिता के व्यवहार और कार्यों का अनुकरण करते हैं, बच्चों के लिए उनके माता–पिता आदर्श होते हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और आदतें भी बच्चों में जाती है हैं।इसलिए, बच्चों को अच्छी और बुरी आदतों के बीच का अंतर समझाना और अच्छी आदतों को अपनाने के लिए कहना जरूरी होता है

Explanation:

बच्चों में यह अच्छी आदतें होना आवश्यक है

बच्चों को सही शिष्टाचार और अच्छी आदतें सिखाना मुश्किल कार्य महसूस हो सकता है। लेकिन आप धैर्य रखें और उन्हें सही रास्ते की ओर ले जाएं। नीचे वर्णित बातें अच्छी आदतें मानी जाती हैं जो बच्चों में होनी चाहिए:

2. शारीरिक श्रम वाले काम

सुझाव: बच्चों को बैठने के लिए प्रोत्साहित न करें, उन्हें चलने फिरने दें।

अपने बच्चों को बैठे रहने और सोफा पर आराम करने और टेलीविजन देखने की अनुमति देना, माता–पिता के रूप में आपकी ओर से एक बड़ी गलती होगी। अपने बच्चों को एक स्थानबद्ध जीवन शैली न अपनाने दें। उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करें, चाहें टहलने या व्यायाम करने या बाहर जा कर खेलने के लिए। आप पारिवारिक कार्यक्रम का आयोजन करें, इसे कुछ मज़ेदार बनाएं, और अपने बच्चों को इसमें शामिल करें। अपने बच्चों को समझाएं कि पूरे समय एक ही स्थान पर बैठे रह कर टीवी देखते रहने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। स्थानबद्ध जीवन शैली के कारण जो स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं, वह हैं :

मोटापा

नींद न आना

ध्यान संबंधी विकार

भावनात्मक और सामाजिक समस्याएं

अपनी चीजें व्यवस्थित करना

सुझाव: अपने बढ़ते बच्चों के लिए एक साफ सुथरा व्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराएं।

3-बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता जरूर सिखाई जानी

चाहिए। बच्चों के आसपास चीजों को ठीक से व्यवस्थित करके स्वच्छता सिखाना शुरू करें। जब वे चीजों को व्यवस्थित देखने के आदी हो जाएंगे, तो वे उन्हें भी उसी तरह रखना चाहेंगे। जब वे थोड़े बड़े हो जाए, तो आप उनकी सहायता कर सकते हैं और गंदगी को साफ करने और उन्हें सही तरीके से व्यवस्तित करने के लिए समय निर्धारित करें। नियमित रूप से ऐसा करने से, वह जल्द ही सीख जाएंगे और अपनी चीजों को स्वयं व्यवस्थित करने का प्रयास करेंगे।

4- विनम्र बने

सुझाव: लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि आपके बच्चे उनके साथ व्यवहार करें – सम्मान के साथ और विनम्रता से।

विनम्र होना ऐसा गुण है जिसकी हर कोई प्रशंसा करता है। अपने बच्चों को लोगों का सम्मान करना सिखाएं, चाहे वे बुजुर्ग हों या उससे छोटे हों। उन्हें समझाएं कि भले ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सामने हो जो उन्हें पसंद नहीं है, तब भी उन्हें विनम्र और सभ्य तरीके से बात करनी चाहिए। उन्हें सभी के साथ शांत और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। ये गुण जीवन भर उनके साथ रहेंगे, और उन्हें हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा। पहले अपने बच्चों के साथ सम्मान से पेश आना शुरू करें, और आप देखेंगे कि वह इस आदत को खुद ही सीख लेंगे। सेविका के साथ विनम्रता से पेश आएं। बच्चे जो देखते है वही करते है।

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