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1भाषा' का मूल स्वरूप बोली होता है। क्योंकि सबसे पहले बोली ही अस्तित्व में आई। ... भाषा से तात्पर्य मुंह से निकलने वाले शब्दों व वाक्यों का समूह है जो ध्वनि के रूप में हमारे मुंह से
प्रस्फुटित होता है। 'भाषा' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'भाष' धातु से हुई है जिसका अर्थ है बोलना अर्थात जो बोली जाती है वही भाषा है।
भाषा की आरम्भिक अवस्था का नाम है-
उनका कहना है कि भाषा ' भाव संकेत ' या इंगित और ध्वनि समवाय प्रारम्भिक रूप में दोनों पर आधारित थी। शब्दों का आगे विकास ध्वनि समवाय के आधार पर हुआ।Apr 6, 2020
जयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं
अरुण यह मधुमय देश हमारा,
आत्मकथ्य ,
आह वेदना मिली विदाई ,
चित्रधार ,
तुम कनक किरन ,
दो बूंदे ,
प्रणय गीत ,
आधुनिक काल में विश्व की सम्पर्क भाषा अंग्रेज़ी है
यह लिपि बौस्ट्रोफेडन शैली का एक उदाहरण है क्योंकि यह लिपि दायें से बायें ओर और बायें से दायें की ओर लिखी जाती थी। ब्राह्मी एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। देवनागरी सहित अन्य दक्षिण एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई, तिब्बती तथा कुछ लोगों के अनुसार कोरियाई लिपि का विकास भी इसी से हुआ था।