Hindi, asked by rohitsahoo6074, 6 months ago

Please tell me about the 1 poem of agyey?​

Answers

Answered by snehanshydv
2

Answer:

चांदनी चुपचाप सारी रात-

सूने आँगन में

जाल रचती रही

मेरी रूपहीन अभिलाषा

अधूरेपन की मद्धिम-

आंच पर तचती रही

व्यथा मेरी अनकही

आनन्द की सम्भावना के

मनश्चित्रों से परचती रही

मैं दम साधे रहा

मन में अलक्षित

आंधी मचती रही

प्रात: बस इतना कि मेरी बात

सारी रात

उघड़ कर वासना का

रूप लेने से बचती रही

Answered by Anonymous
3

\huge\mathcal\colorbox{purple}{{\color{red}{ᴀɴSᴡᴇƦ✧~~~}}}

चांदनी चुपचाप सारी रात-

सूने आँगन में

जाल रचती रही

मेरी रूपहीन अभिलाषा

अधूरेपन की मद्धिम-

आंच पर तचती रही

व्यथा मेरी अनकही

आनन्द की सम्भावना के

मनश्चित्रों से परचती रही

मैं दम साधे रहा

मन में अलक्षित

आंधी मचती रही

प्रात: बस इतना कि मेरी बात

सारी रात

उघड़ कर वासना का

रूप लेने से बचती रही

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