History, asked by waniarehman36, 3 months ago

حضرت فاطت الزرا
please tell me
and yes i want full information as i have to write a note on it in islamiat.
now please bata den. ​

Answers

Answered by mimcool46
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पैगम्बरे इस्लाम का स्वर्गवास हुआ और उनके स्वर्गवास को कुछ महीने ही गुजर चुके थे लेकिन हजरत फातेमा जहरा (स) का पिता से दूरी का दुख कम नहीं हो रहा था,वह अपने पिता के शोक में बीमार हो गयी थीं।

वे बड़ी व्याकुलता से उस दिन का इंतेज़ार कर रही थी जिसका वादा उनके पिता ने उनसे किया था। पैगम्बरे इस्लाम (स) ने अपने स्वर्गवास के समय उनसे कहा था मेरी बेटी! मेरे बाद तू सब से पहले मुझसे मिलेगी। अपनी जिन्दगी की आखिरी रात में हजरत फातेमा जहरा (स) ने ख्वाब में अपने पिता को देखा कि वे कह रहे हैं। मेरे पास आ जा मेरी बेटी मैं तुझे देखने के लिए बहुत बेचैन हूं। उनके जवाब में हजरत फातेमा जहरा (स) ने कहा कि अल्लाह जानता है कि मैं आप से ज़्यादा बेचैन हूं। पैगम्बरे इस्लाम (स) ने ख्वाब में ही हजरत फातेमा जहरा (स) को बताया कि आज रात तुम मेरे पास आओगी।

शनिवार को भगत सिंह नगर में एक जलसे के दौरान सज्जादानशी मौलाना सैय्यद दानिश बकाई ने कहा कि हजरत फातिमा महिलाओं के लिए आदर्श हैं। हजरत फातिमा आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम की प्यारी बेटी है। हजरत खदीजा की लख्ते जिगर और हजरत अली की शरीक-ए-हयात और जन्नती जवानों के सरदार हजरत इमाम हसन व इमाम हुसैन की मां हैं। उनसे प्रेरणा हासिल कर दुनिया की तमाम महिलाएं दीन और दुनिया गुलजार बना सकती हैं। मौलाना दानिश आगे बताते हैं कि हजरत फातिमा सादगी में अपनी मिसाल आप थीं। अपनी मां से मिले तमाम जेवर उन्होंने दान कर दिए थे। दिन-रात इबादत में मशगूल रहती थीं। हजरत फातिमा पवित्रता व सत्यता का केंद्र है। वह ऐसी महिला जिनका आदर रसूल-ए-खुदा हजरत मोहम्मद साहब स्वयं करते थे। हजरत फातेमा जहरा (स) ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अपने पति हजरत अली अलैहिस्सलाम को अपने पास बुलाया,हजरत अली की आंखों से आंसू जारी थे। इसी दशा में वह हजरत फातेमा जहरा (स) के पास पहुंचे तो उन्होंने हजरत अली अलैहिस्सलाम से कहा मेरा जीवन बस कुछ ही क्षणों तक है, कुछ वसीयत करना चाहती हूं। हज़रत अली ने कहा जो दिल में है वह कह दो।

यह कह कर हजरत अली अलैहिस्सलाम, उनके सामने बैठ गये। हजरत फातेमा जहरा (स) ने कहा जिन लोगों ने मेरे साथ अन्याय किया है और मेरे अधिकारों का हनन किया है उन्हें मेरी जनाजे पर मत आने देना। वह मेरे दुश्मन और पैगम्बरे इस्लाम के दुश्मन हैं। वह मेरी नमाजे मैयत में भी शामिल न हो। ऐ अली जब रात को आंखें सो जाएं तब आप मुझे दफ्न करिएगा। मौलाना दानिश आगे बताते हैं कि मदीना नगर रात के अंधकार में डूबा था, हर तरफ सन्नाटा ऐसे पसरा था, मानो पूरा माहौल शोक मना रहा हो। हजरत अली अकेले थे। बच्चे व्याकुल थे। हज़रत अली, हज़रत फ़ातेमा जहरा (स) को उनकी आख़िरी मंज़िल तक पंहुचा रहे थे। अपने पिता के शोक में डूबी हजरत फ़ातेमा जह़रा (स) ने बहुत अत्याचार सहन किये थे। बड़ा अन्याय देखा था और अब टूटी हुए पसलियों के साथ, अपने पिता के पास जाने के लिए पर्दा कर चुकी थीं । हज़रत अली उस महान हस्ती को रात के अंधकार में क़ब्र में दफ्न करने ले जा रहे थे जो पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए आदर्श हैं

Explanation:

hope so this will help you..

mark me as brainliest..✌

wese sis aap kaha se ho..?!

Answered by ranaarslanb063
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Answer:

حضرت فاطمتہ الزہرہ حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم کی سب سے چھوٹی بیٹی تھیں ان کے والد کا نام حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم اور والدہ کا نام حضرت خدیجہ تھا ان کی شادی اللہ کے حکم سے حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم نے حضرت علی سے کی شادی کے وقت ان کی عمر مختلف روایات کے مطابق 9سال سے لے کر 18 سال کے درمیان تھی جب کہ حضرت علی کی عمر اس وقت 21سال سے 25سال تک تھی

حضرت فاطمتہ الزہرہ کی اولاد:

  1. حضرت حسنابن علی
  2. حضرت حسین ابن علی
  3. حضرت محسن ابن علی
  4. حضرت زینب بنت علی

حضرت فاطمتہ الزہرہ کو آپ کے والد نے فرمایا کہ تم جنت میں مجھے خاندان والوں کی طرف سے سب سے پہلے ملو گی۔

حضرت فاطمتہ الزہرہ نے 18 سال کی عمر میں وفات پائی۔

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