Hindi, asked by kamalkashyap12, 1 year ago


please tell me sanvad on bharat sanskriti

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Answered by jas67
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भारतीय संस्कृति सर्व समाज की संस्कृति है, जिसमें समाज के हर वर्ग का उत्थान व पोषण निहित है। भारतीय संस्कृति मांग की नहीं, बल्कि प्यार और परमार्थ की संस्कृति है। हमारे यहां पर होली खेली जाती है, जो कि प्यार का प्रतीक है। जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है। विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है , जिसका कभी जन्म नहीं हुआ। जबकि विश्व के अन्य देशों का जन्म का दिन है। वस्तुत: भारत नाम का मूल देश देवताओं से आया है। भारत ने हमेशा जीवों और जीने का संदेश देने के साथ-साथ परमार्थ का संदेश दिया है। हमारी संस्कृति का जीवन मूल्य परमार्थ का था। इसलिए हमारा देश विश्व गुरु था। हिंदूस्तान का हर अभिभावक अपने बच्चों के लिए कार्य करता है। इसलिए परमार्थ है। जबकि विदेशी अभिभावक अपने लिए करते हैं। पश्चिमी देशों का प्यार भोग की संस्कृति है, जबकि हमारा प्यार जीवन की संबद्धता है। भारतीय के प्यार में विकार उत्पन्न नहीं होता। भारत ने विश्व को जीवन मूल्य प्रदान किए हैं। भारतीय संस्कृति सनातन की संस्कृति हैं, जिसमें सब धर्मों व उपधर्मों को साथ लेकर चला जाता है।
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