Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

please tell me summary
Class 8th
Chapter-12​

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Answered by srikruthi2008
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Answer:

HI IAM, ALSO 8TH CLASS

Explanation:

BUT THIS LESSON I DON'T KNOW

Answered by genivedaan06
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सारांश:

सुदामा मीलों पैदल चल कर द्वारिका नगरी पहुंचते हैं। लेकिन उनकी दयनीय स्थिति देखकर द्वारपाल उन्हें महल के दरवाजे पर ही रोक देता है। लेकिन सुदामा के यह बताने पर कि उनका नाम सुदामा है और वो कृष्णा से मिलना चाहते हैं, द्वारपाल महल के अंदर जाकर कृष्ण को सुदामा के बारे में बताता हैं। श्री कृष्ण दौड़े -दौड़े चले आते हैं और अपने परम मित्र को महल के अंदर ले जाकर उनका खूब आदर सत्कार करते हैं।श्री कृष्ण सुदामा के पैरों में चुभे हुए कांटों को निकालते वक्त इतने भावुक हो जाते हैं कि वो सुदामा के पैरों को अपने आंसुओं से धो देते हैं। 

आदर सत्कार करने के बाद कृष्ण सुदामा से उसके बगल में छुपायी हुई पोटली के बारे में पूछते हैं। और मुस्कुराते हुए सुदामा से कहते हैं कि बचपन में भी जब गुरु माता ने उन्हें चने खाने को दिए थे तो वो सारे चने अकेले ही खा गए थे। और आज भी भाभी (सुदामा की पत्नी ) ने उनके लिए जो उपहार भेजा हैं। वह भी उन्हें नहीं दे रहे हैं। खूब आदर सत्कार करने के बाद कृष्ण सुदामा को खाली हाथ विदा कर देते हैं। इससे नाराज सुदामा घर लौटते समय कृष्ण के बारे में अनगलत बातें सोचने लगते हैं। वो सोचते हैं कि बचपन में घर- घर जाकर माखन माँग कर खाने वाला मुझे क्या देगा।

लेकिन जब वो अपने गांव पहुंचते हैं तो उन्हें झोपड़ी की जगह आलीशान व भव्य महल दिखाई देता है और महल के द्वार पर सारी सुख सुविधाएं नजर आती है। सच्चाई का एहसास होने पर भगवान श्री कृष्ण के प्रति नतमस्तक होकर उनकी महिमा गाने लगते हैं।

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