Hindi, asked by drbchandrashekarshet, 2 months ago

please tell me the answer ​

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Answered by palakkumawat543
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hii

Explanation:

diwali

दिवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जाना है। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी पा सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

mera patshala

प्रस्तावना :

मेरा पाठशाला बहुत ही सुंदर और स्वच्छ पाठशाला है | मेरे स्कूल का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है | यह एक आदर्श विद्यालय है जो गाँव में ही स्थित है | मेरे पाठशाला में कक्षा पहली से लेकर कक्षा दसवीं तक पढाई होती है | मेरा पाठशाला चार मंजिला है मेरे कक्षा क्व सभी कमरे में फर्नीचर और पंखे लगे हुए हैं |

मेरे पाठशाला में बच्चों को बहुत ही अच्छा शिक्षा दिया जाता है | मेरी कक्षा अध्यापक सभी बच्चों से प्यार से पेश आते हैं और प्रतिदिन अच्छी चीजों को सिखाते हैं |

मेरा पाठशाला एक ज्ञान का मंदिर है

पाठशाला को विद्यालय और स्कूल भी कहा जाता है | विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां बच्चों को शिक्षा दिया जाता है | विद्यालय से ही शिक्षा प्राप्त करके बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाते हैं | मेरे पाठशाला में बहुत ही दूर-दूर से बच्चे शिक्षा लेने के लिए आते हैं | मेरी पाठशाला मुझे बहुत ही पसंद है |

मेरे पाठशाला की विशेषताएँ

मेरे विद्यालय में कुल ५० कक्षाएँ हैं | मेरे विद्यालय में ७० काबिल शिक्षक हैं | ३२ सहायक शिक्षक, एक प्रधानाचार्य हैं और १५ गेट कीपर हैं | मेरे पाठशाला में प्रधानाचार्य जी का कमरा विशेष रूप से सजा हुआ है | कमरे में महात्मा गाँधी जैसे अन्य नेताओं का फोटो भी लगा हुआ है | इसके अलावा कर्मचारी वर्ग का रूम, पुस्तकालय, संगणक रूम और प्रयोगशाला आदि हैं |

मेरे पाठशाला का पुस्तकालय

मेरे पाठशाला के पुस्तकालय में नविन और प्राचीन पुस्तकों का अच्छा संग्रह है | जिसमें साहित्य कला से लेकर पाक कला इतिहास विज्ञान भूगोल जैसे सभी विषयों के पुस्तकें उपलब्ध हैं | यह कई प्रकार के साहित्यकारों की पुस्तकें हैं | जैसे मुंशी प्रेमचंद, शेक्सपियर, हरिवंशराय बच्चन आदि | चित्रकला बागवानी के विभिन्न प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं |

पाठशाला के खेल का मैदान

मेरे पाठशाला में खेल का मैदान विद्यालय के बिच में है | जिसमें सभी विद्यार्थी फुटबॉल, क्रिकेट आदि खेलते हैं | मेरे पाठशाला में खेल प्रतियोगिता भी राखी जाती है और जितने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया जाता है |

मेरे पाठशाला का कार्यप्रणाली और अनुशासन

मेरी पाठशाला सुबह प्रातः काल ७ बजे से लेकर १:३० बजे तक का है | मेरे पाठशाला में दूर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए स्कूल बस की व्यवस्था प्रदान की गई है | सुबह प्राथना के साथ पढाई की शुरुआत होती है | मेरी पाठशाला अनुशासनप्रिय है, पालन नहीं करने वाले विद्यार्थियों को कड़ी दंड प्रावधान है |

मेरे पाठशाला के अध्यापक :

किसी भी विद्यार्थी के जीवन में अध्यापक का स्थान पहले से ही महत्वपूर्ण रहा है | मेरे कक्षा अध्यापक धैर्य और प्यार से हमें पढ़ाते हैं | मेरे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही काबिल हैं उनके पास सभी सवालों का जवाब होता है | अध्यापक हमें बहुत ही समझदारी और विश्वास के साथ सभी विषयों का ज्ञान देते हैं |

Answered by XxxdevilgirlXxx
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hope my attachment answer is correct

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