please tell me the meaning of these lines in hindi
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इस पंक्ति में कवि कहना चाहता है कि एक पक्षियों का समूह जब आकाश में उड़ता है तो उनके पंखो की अर्थात उड़ान की प्रतिस्पर्धा क्षितिज में ही जाकर समाप्त होती है। वे इस प्रकार से उड़ान भरते हैँ की वो सुदूर आकाश उन पंक्षियों के लिये या तो मिलन बन जाते हैँ अर्थात वो उड़ते हुये आकाश से मिल जाते हैँ या फिर थकान से भरी हुई उनकी सासों की लकीर सम्मुख आती है अर्थात थकने के बावजूद भी वे उड़ान भरते रहते हैँ। उसके बाद कवि पक्षी के माध्यम से कहना चाहते हैँ की चाहे पक्षी से उसका निवास स्थान छीन लिया जाए या फिर नीड उजाड़ दिया जाय जो की एक वृक्ष की टहनी पर बना है, अर्थात चाहे उनसे निवास करने का हक छीन लो पर उनके उड़ान भरने में कोई विघ्न बाधा ना डालो क्यूकी उन्हे पंख मिले हैं तो वे उड़ेंगे तो आवश्य ही। अर्थात अगर किसी को कोई वस्तु प्रकृति से स्वत: प्राप्त है तो उसे किसी को छीनने का कोई हक नहीं है।
shayad aapko smjh aa gya ho mitra...dhanywad