Hindi, asked by Aadi1705, 7 months ago

please tell me the nibandh​

Attachments:

Answers

Answered by hemanisai
0

Answer:

are you studying hindhi madyamika

Explanation:

i have compleated the praveena poorvardha also

hurry upplease forward me please follow me

Answered by abhi102814
0

manushya aur vigyan manushya aur vigyan

आधुनिक मानव समाज प्राचीन काल के मानव समाज से पूर्णतया भिन्न है ! उसके रहन-सहन, वेश-भूषा व परिस्थितियों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलता है । विगत कुछ दशकों में तो मनुष्य जीवन की कायापलट हो चुकी है ।

इस कायापलट अथवा इस परिवर्तन का संपूर्ण श्रेय विज्ञान को ही जाता है । यदि हम आधुनिक युग को विज्ञान का युग कहें तो कदापि अतिशयोक्ति न होगी, अपितु उपर्युक्त कथन ही आज के परिवेश को देखते हुए सर्वथा उपयुक्त होगा ।

मानव हित में विज्ञान की उपलब्धियाँ अनेक हैं । विज्ञान ने मनुष्य को यातायात के ऐसे साधन प्रदान किए हैं, कि जो दूरी हमारे पूर्वज महीनों-सालों में तय किया करते थे, आज वह दूरी कुछ दिनों, घंटों में तय की जा सकती है । साइकिल, दुपहिया वाहन, कारें व रेलगाड़ी सभी विज्ञान की देन हैं । गगन का चुंबन करते हवाई जहाज ने तो मानव को जैसे पंख ही प्रदान कर दिए हैं ।

चिकित्सा जगत में विज्ञान ने मानव-हित में बहुत कुछ दिया है । आज इस क्षेत्र में ऐसे उच्च तकनीक के उपकरण उपलब्ध हैं जिनके प्रयोग से असंभव व असाध्य समझे जाने वाले रोगों का भी इलाज संभव हो सका है । कैंसर, कुष्ठ रोग जैसी असाध्य समझी जाने वाली बीमारियों का इलाज भी विज्ञान ने संभव कर दिखाया है । यह विज्ञान की ही देन है जिसके कारण विश्व में मृत्यु-दर निरंतर घटती ही जा रही है ।

लंगड़े, लूले, बहरे व अन्य रूप से अपाहिज व्यक्तियों को विज्ञान ने कृत्रिम रूप प्रदान किए हैं, जिसकी मदद से मनुष्य अपेक्षाकृत सरल जीवन गुजार सकता है । अनेक प्रकार की महामारियों का विश्वसनीय इलाज आज इस क्षेत्र में उपलब्ध है । इतना ही नहीं, विज्ञान की मदद से आज के मानव कई खतरनाक रोगों से अपना पूर्व बचाव करने में भी सक्षम हैं । विभिन्न बीमारियों के टीके लगाकर हम उनसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं ।

संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान के अद्‌भुत आविष्कारों ने मनुष्य को परस्पर संपर्क साधने के नए मार्ग विकसित कर दिए हैं । टेलीफोन, फैक्स, तार आदि के द्‌वारा विश्व के एक कोने से दूसरे कोने पर घर बैठे व्यक्ति से सीधे बात की जा सकती है अथवा उनसे संपर्क स्थापित किया जा सकता है या फिर सुगमता, त्वरित गति व विश्वसनीय रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सकता है ।

कंप्यूटर के आविष्कार ने तो मानव जीवन में एक नई हलचल उत्पन्न कर दी है । एक कंप्यूटर 400 से भी अधिक मनुष्यों की कार्यक्षमता रखता है । कंप्यूटर के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान, छपाई, चिकित्सा, तकनीक व अंतरिक्ष आदि सभी क्षेत्रों में मनुष्य ने तीव्र गति से विकास प्राप्त किया है ।कंप्यूटर के आविष्कार के बिना मनुष्य का चंद्रमा पर विजय पताका फहराना संभव नहीं था । कंप्यूटर के माध्यम से अब तथ्यों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर कोई भी सूचना सैकेंडों में प्राप्त की जा सकती है ।

विज्ञान ने मनुष्य को मनोरंजन हेतु अनेकों नवीनतम साधन प्रदान किए हैं । रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा (चलचित्र) आदि मनोरंजन के नवीनतम साधन विज्ञान की ही देन हैं जिनके माध्यम से मनुष्य अपनी थकान, हताशा व जीवन की नैराश्यता को भुला कर नवीनता व हर्षोल्लास का सुखद अनुभव कर सकता है ।

आधुनिक विज्ञान ने अनेक प्राचीन भ्रांतियों को मिथ्या सिद्‌ध कर दिया है । जिस चंद्रमा की लोग देवता के रूप में पूजा करते थे उस पर आज मानव ने विजय प्राप्त कर ली है और यह सिद्‌ध कर दिया है कि वह भी पृथ्वी की ही भांति एक आकाशीय पिंड है । इसी प्रकार प्राचीन काल की अनेक बीमारियों को जिन्हें लोग दैवी प्रकोप समझते थे उनके इलाज की खोज कर विज्ञान ने अंधविश्वासों को समाप्त करने में सहायता की है ।

विज्ञान की अभूतपूर्व खोजों से संपूर्ण विश्व मानो सिमटता हुआ प्रतीत हो रहा है । हजारों मील की दूरी पर बैठा हुआ व्यक्ति अपने परिजनों से निरंतर संपर्क रख सकता है । वह उनसे बातचीत ही नहीं अपितु उन्हें चित्र पर देख भी सकता है ।

इसके अतिरिक्त दुनिया के एक कोने पर बैठे हुए व्यक्ति दुनिया के दूसरे छोर तक की यात्रा वायुयान के माध्यम से मात्र 24 घंटे के भीतर ही तय कर सकते हैं । वास्कोडिगामा एवं कोलंबस ने जो यात्रा अपने समय में महीनों व वर्षों में तय की थी आज वही यात्रा कुछ दिनों व घंटों में तय की जा सकती है ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्राचीन काल के मानवों की तुलना में आधुनिक मानव के रहन-सहन व जीवन-यापन आदि के तरीकों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है । मनुष्य समय के साथ कल्पनाओं की अपनी अनेक उड़ानों को यथार्थ रूप देने में सक्षम हुआ है । इन समस्त सफलताओं का श्रेय विज्ञान की अनगिनत देनों को जाता है ।

विज्ञान के नित नए आविष्कारों से मानव जीवन में और भी अधिक सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं । विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति मानव जीवन के उत्थान का भी पर्याय बन गई है । भविष्य के प्रारूप की व्याख्या तो कोई भी व्यक्ति विश्वसनीय रूप में नहीं कर सकता है परंतु वर्तमान को नि:संदेह विज्ञान का ही युग कहा जा सकता है । विज्ञान आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है ।

विज्ञान को अधिकाधिक प्रभावी एवं जनोम्मुखी बनाकर हम आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं । वर्तमान युग की भी अनेक समस्याएँ ऐसी हैं जिन्हें विज्ञान की सहायता से हल किया जा सकता है यदि उसे मानवीय इच्छा-शक्ति का संबल प्राप्त हो जाए ।

please like and make me a brainlist plz..

Similar questions