please tell me this. The essay.
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आतंकवाद किसी एक व्यक्ति, समाज अथवा राष्ट्र विशेष के लिए ही नहीं अपितु पूरी मानव सभ्यता के लिए कलंक है । हमारे देश मे ही नहीं बल्कि पूरे विश्व मे इसका जहर इतनी तीव्रता से फैल रहा है कि यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो यह पूरी मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है
शाब्दिक अर्थों में आतंकवाद का अर्थ भय अथवा डर के सिद्धांत को मानने से है । दूसरे शब्दों में, भययुक्त वातावरण को अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति हेतु तैयार करने का सिद्धांत आतंकवाद कहलाता है । विश्व के समस्त राष्ट्र प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसके दुष्प्रभाव से ग्रसित हैं । रावण के सिर की तरह एक स्थान पर इसे खत्म किया जाता है तो दूसरी ओर एक नए सिर की भाँति उभर आता है ।
यदि हम अपने देश का ही उदाहरण लें तो हम देखते हैं कि अथक प्रयासों के बाद हम पंजाब से आतंकवाद का समाप्त करने में सफल होते है तो यह जम्यू-कश्मीर, आसाम व अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्रारंभ हो जाता है । पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा भारत में आतकवाद को समर्थन देने की प्रथा तो निरंतर पचास वर्षो से चली आ रही है ।
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है । यहाँ अनेक धर्मो के मानने वाले लोग निवास करते हैं । हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, ब्रहम समाजी, आर्य समाजी, पारसी आदि सभी धर्मो के अनुयाइयों को यहाँ समान दृष्टि से देखा जाता है तथा सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं ।
वास्तविक रूप में धर्मो का मूल एक है । सभी ईश्वर पर आस्था रखते है तथा मानव कल्याण को प्रधानता देते हैं । सभी धर्म एक-दूसरे को प्रेमभाव व मानवता का संदेश देते है परंतु कुछ असामाजिक तत्व अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए धर्म का गलत प्रयोग करते है ।
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