Hindi, asked by PALAK13227, 5 months ago

Please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell please tell.....​ ​

Attachments:

Answers

Answered by bandanakumari1999
3

Answer:

3rd aasram char hote hai ....

4th gyan pane kai liye pure man sai gyan prapti ki ikcha ,aur parishram karna parta hai....

7th dhan ki suddhi ka abhipraya yai hai ki dhan ko sudh karna ,dhan bure karmo sai kamaya nhi hona chahiye acche puneyo kamo ko karke kamaya hona chahiye ...

8th desh ki raksha desh kai janta ki raksha dushmano sai hmare desh ko bachana , rajgaddi pai sasan karna aur janta ki sewa ,chatriyo ki samaj mai yhi bhumika hai

Explanation:

i didnot knew all the answers but i knew few of them so I answered that hope this few answers helps write it in hindi and the leftover questions..... idk so ask them byee gn ....


PALAK13227: np i needed tese only gn
PALAK13227: these*
bandanakumari1999: :-)
bandanakumari1999: gn..
PALAK13227: gn
Answered by Tanishabharti
6

Answer:

1. नियम भी पाँच प्रकार के होते हैं : (1)शौच, (2) संतोष, (3)तप, (4)स्वाध्याय और (5)ईश्वर प्राणिधान।

2.योग की समस्त विद्याओं को आठ अंगों में श्रेणीबद्ध कर दिया है। यह आठ अंग हैं- (1) यम (2)नियम (3)आसन (4) प्राणायाम (5)प्रत्याहार (6)धारणा (7) ध्यान (8)समाधि।

3.ये चार आश्रम थे- ( १ ) ब्रह्मचर्य ( २ ) गृहस्था ( ३ ) वानप्रस्थ ( ४ )संन्यास।

4.हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं।

5.आत्मा पर शरीर का आवरण चढ़ जाने से जीव स्वयं को शरीर मान बैठता है। फिर प्राप्त शरीर को एक सांसारिक नाम प्रदान कर दिया जाता है।

6."दूसरा जन्म होना(शिक्षा व ज्ञान की दृष्टि से) मातृ की कोख से जन्म के पश्चात अर्थात जन्म के पश्चात कर्मणा वर्ण को प्राप्त करने वाला" यह अर्थ है द्विज़ का। द्वि+ज अर्थात द्वि=दो,ज=जायते, यानि जो संसार मे जन्म लेने के पश्चात अपने संस्कार व विद्या के अनुसार जिस वर्ण को प्राप्त करता है,वही द्विज कहलाता

7.सब प्रकार की शुद्धि में धन शुद्धि श्रेष्ठ है। जिसने अन्याय से धन नहीं लिया, वही पूर्णत: शुद्ध है। हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि कठोर परिश्रम, शिक्षा, पुण्य भाव व सेवाभाव से ही कमाया हुआ धन मनुष्य के पास टिककर उसे स्थाई लाभ पहुंचाता है।

8.वेदों तथा ब्राह्मणों में क्षत्रिय शब्द राजवर्ग के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। प्राचीन काल में शासक वर्ग,ब्राह्मण तथा अन्य समुदायों की मदद से शासन चलाता था।

Similar questions