Hindi, asked by itscutegirl675, 3 months ago

please tell this in hindi in short paragraph​

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Answered by amanwriter353329
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the question is wronge

Explanation:

Answered by himanisharma2292004
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मेरे प्रिय साथियों,

मुझे यकीन है आप सभी कोरोना महामारी के चलते बच्चों की शिक्षा को लेकर बहुत चिंतित होंगे. भारत में लगभग 25 करोड़ बच्चे पहली से 12वीं तक 15.5 लाख स्कूलों में पढ़ते हैं. इनमें 70% स्कूल सरकारी हैं. विश्व भर में कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों के किसी भी जगह इकठ्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गयी और ज़ाहिर सी बात है स्कूलों और आंगनबाड़ियों को भी बंद कर दिया गया.

स्कूलों के बंद हो जाने पर बच्चे, उनके अभिभावक, शिक्षक, प्रशासन और गैर-सरकारी सामाजिक संस्थाएं एक नए प्रश्न से जूझने लगे हैं: अब बच्चे सीखेंगे कैसे? या शायद ज्यादा उपयुक्त वाक्य हो: अब हम बच्चों को सिखाएंगे कैसे? (यहां पर मुख्य रूप से स्कूली शिक्षा की बात होती दिखाई दे रही हैं) इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण प्रश्न हैं कि बच्चों पर इस लॉकडाउन का शारीरिक और मानसिक रूप से क्या प्रभाव पड़ेगा? ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ये प्रभाव अलग होंगे या एक जैसे? पर इस तरीके के गहरे सवाल पर फिलहाल चर्चा कम है.

सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की तरफ से तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है. चूंकि लॉकडाउन की वजह से ज़्यादातर लोग अपने-अपने घरो में सिमट कर रह गए, ऑनलाइन माध्यम को आज़माने की एक तूफानी लहर दौड़ी. कोई इस माध्यम का प्रयोग कर पाठ पढ़ाने लगा, कोई कहानी सुनाने लगा तो कोई गणित के खेल खिलाने लगा.

क्या आपको पता है कि यूट्यूब पर इतने वीडियोज़ हैं कि बिना पलक झपके अगर आप लगातार देखते रहें तो सारे वीडियोज़ देखने में 60000 साल से भी ज्यादा लगेंगे. खैर, फिर भी नए वीडियो बनाने की ज़रुरत पड़ी और बहुतायत में लोगों ने बनाई और बना ही रहे हैं.

मैंने भी बनाई. खूब कहानियां पढ़ी और सुनाई. लोगों ने देखी और बच्चों को मज़ा आया. थोड़ा बहुत शायद कुछ सीख भी लिया हो. मैंने लॉकडाउन सुनते ही यह करने का निश्चय कर लिया था और इसके पहले दिन से ही यूट्यूब पर वीडियोज़ पोस्ट करना शुरू कर दिया. यह मेरी बिना सोची-समझी प्रतिक्रिया थी. चूंकि मैं पुस्तकों और पुस्तकालयों से बेहद प्यार करता हूं (पुस्तकालय-स्कूल व सार्वजनिक-बंद होने की वजह से बच्चों को पुस्तकें पढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है) सो मैंने सोचा कि इन्टरनेट के माध्यम से बच्चों को कहानियां सुनाऊंगा. और लगभग 40 दिनों में मैंने यह समाप्त भी कर दिया. मुझे लगता है पूरे देश में यह शिक्षा के नज़रिए से देखें तो सबसे तेज़ प्रतिक्रियाओं में से एक रहा होगा.

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