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सबसे उपर श्रेष्ठ श्रेणी में रखा गया है गृहस्थ आश्रम क्या है और यह समाज के सभी आश्रमों मे श्रेष्ठ आश्रम गृहस्थ आश्रम क्यो माना गया है इसपर हम विस्तार पूर्वक निचे चर्चा करते हैं और इसकी विषेशताओ पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं इसका लाभ हमे कैसे प्राप्त होता है तथा इसकी मौलिक अधिकार मे हम रहकर कैसे अपने कर्मों को उच्च तथा भलि भात से परोपकार और हर धर्मों मे इसको उच्च तथा समाजिक एेकता का एक प्रमुख हिस्सा तथा संसार कल्याण का वरदान मानते हैं गृहस्थ जीवन का हिस्सा है यह आश्रम और सभी समाजिक कल्याण तथा संयुक्त परिवार की एक परिभाषा है इस आश्रम पर विस्तार पूर्वक विश्लेषण करते है। हमारे समाज में श्रेष्ठ आश्रमों में एक है इसको सबसे उपर श्रेष्ठ श्रेणी में रखा गया है गृहस्थ आश्रम क्या है और यह समाज के सभी आश्रमों मे श्रेष्ठ आश्रम गृहस्थ आश्रम क्यो माना गया है इसपर हम विस्तार पूर्वक निचे चर्चा करते हैं और इसकी विषेशताओ पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं इसका लाभ हमे कैसे प्राप्त होता है तथा इसकी मौलिक अधिकार मे हम रहकर कैसे अपने कर्मों को उच्च तथा भलि भात से परोपकार और हर धर्मों मे इसको उच्च तथा समाजिक एेकता का एक प्रमुख हिस्सा तथा संसार कल्याण का वरदान मानते हैं गृहस्थ जीवन का हिस्सा है यह आश्रम और सभी समाजिक कल्याण तथा संयुक्त परिवार की एक परिभाषा है इस आश्रम पर विस्तार पूर्वक विश्लेषण करते है।
दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। दीवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूब जाते है।