India Languages, asked by ayush993520, 10 months ago

please translate it into Hindi​

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Answered by bananimohapatra1108
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It is already in Hindi, so no need to translate

Please mark me as the brainliest.

Answered by masterstroke360
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Answer:

Hey mate. Here's your answer.

शैले शैले न माणिक्यं,मौक्तिम न गजे गजे।

साधवो नहि सर्वत्र,चंदन न वने वने।।

अर्थात:- प्रत्येक पर्वत पर अनमोल रत्न नहीं होते, प्रत्येक हाथी के मस्तक में मोती नहीं होता। सज्जन लोग सब जगह नहीं होते और प्रत्येक वन में चंदन नही पाया जाता ।

चन्दनं शीतलं लोके ,चन्दनादपि चन्द्रमाः | चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः ||

अर्थात् : संसार में चन्दन को शीतल माना जाता है लेकिन चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होता है | अच्छे मित्रों का साथ चन्द्र और चन्दन दोनों की तुलना में अधिक शीतलता देने वाला होता है |

शरदि न वर्षति गर्जति वर्षति वर्षासु नि:स्वनो मेघ: नीचो वदति न कुरुते न वदति सुजन: करोत्येव

शरद ऋतुमे बादल केवल गरजते है, बरसते नही|वर्षा ऋतुमै बरसते है, गरजते नही। नीच मनुश्य केवल बोलता है, कुछ करता नही|परन्तु सज्जन करता है, बोलता नही।

Hope this helps you. Thank you and mark this as the brainliest ❤️.(P.s. thanks a lot for following me.❤️)

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