Hindi, asked by diya10110318, 2 months ago

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Answered by nehaojha0135
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which language is this ? I don't know

Answered by IISLEEPINGBEAUTYII
0

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नैतिक छंद

मातृवत परदेशु, परद्रव्येषु खोयावत्। आत्मवत् सर्वभूतषु, यः पश्यति सः पण्डितः ।॥१ ष

शील-शील न मणिक्यम्, मुत्तिकम् न गजे गजे। साधो हर जगह नहीं है, चंदन वन-वन नहीं है।

अयन निज: परो वेति गणणा लघुकत्तम। उदारचरितान तु वसुधैव कुतुम्बकम् ।।३ ।।

चंदन ठंडा है, चंदन चाँद पर है। चंद्रा-चंदनायो: में, शीतकालीन साधु-संगति:

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