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क्या आप जानते हैं हमें अपनी छुट्टियों का सदुपयोग करना चाहिए? क्या आप जानना चाहते हैं मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई? आज इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि मैंने अपनी गर्मियों की छुट्टी पर क्या किया और साथ ही में यह भी बताऊंगा कि छुट्टियों का समय उपयोग आप अच्छे से कैसे कर सकते हैं जैसे मैंने किया?
गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी। स्कूल अगले हफ्ते बंद होने वाला था। मैं उत्सुकता से अपने स्कूल के गर्मी कि छुट्टियों का इंतजार कर रहा था। जब मैं स्कूल से घर जाऊंगा और मुझे यह पता था कि मुझे अब दो महीने तक कक्षा में नहीं जाना है। हम छुट्टियाँ शुरू होने से पहले कई योजनायें बनाते है और हमें हमारी छुट्टीयों में बहुत ख़ुशी मिलती है।
गर्मी की छुट्टियों पर निबंध Essay on Summer Vacation in Hindi
मेरी छुट्टियों में, मैं कई काम करना चाहता था और हम कई जगह घूमने भी गए। परन्तु सबसे पहले मैं अपने सभी दोस्तों के यहाँ बारी-बारी से घूमने गया। वे मुझे अपने घर पर आने के लिए बार-बार कहते रहते थे, लेकिन मैं स्कूल की पढ़ाई में बहुत व्यस्त रहने के कारण उनके यहाँ नहीं जा पाता था।
अपने रिश्तेदारों से भी मुलाकात नहीं कर पाता था। छुट्टी होने के कुछ दिन बाद मैं उन सब से मिलने गया। हम सब दोस्त मिलकर सुबह-श्याम खेल के मैदान में खेलने जाते थे, हमने साथ में मिलकर बहुत सारी ज्ञानवर्धक बातें की। इसके अलावा हम कुछ नई चीज़े भी बनाई।
क्रिकेट मेरा पसंदीदा खेल है और मेरे दोस्तों ने छुट्टियों के दौरान क्रिकेट मैचों का आयोजन किया था। इसमें दो टीम थी। एक टीम में मैं और मेरे कुछ दोस्त थे और दूसरी टीम में भी हमारे कुछ पास के मोहल्ले के दोस्त। हमने उत्साह से अपने मोहल्ले के दोस्तों के साथ क्रिकेट खेला और हम जित गए।
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छुट्टीयां शुरू होने पर सबसे पहले हमने कुछ नाट्य तैयार किये थे। जैसे हम दोस्तों ने मिलकर स्वच्छता पर एक नाट्य किया था। जिसमें हमने हमारे शहर की सफाई करने के बारे में जानकारी दी, कि किस तरह हमें हमारे आसपास की जगह में गंदगी नहीं फैलानी चाहिये। हमने घर के आसपास रहने वाले सभी लोगों को बुलाया। उन्होंने इस कार्य के लिए हम सब बच्चों की बहुत प्रसंसा की।
छुट्टी में एक पर्वतीय क्षेत्र कि यात्रा
मेरे माता-पिता ने पंद्रह से बीस दिनों के लिए छुट्टी की योजना बनाई थी। हम जिस ट्रेन से गये। उसने हमें सबसे पहले दिल्ली छोड़ा, वहां से बस के द्वारा हम कसौली नामक एक पहाड़ी स्टेशन पर पहुचें।
यह तुलनात्मक रूप से छोटा पहाड़ी स्टेशन है लेकिन यह वास्तव में हमें बहुत ही आकर्षक लगा। यहाँ की वादियाँ हमें बहुत घनी और हरीभरी है। पहाड़ों से ये नज़ारा बहुत ही सुन्दर दिखाई पड़ता है। मन को यह सब देखकर ख़ुशी मिलती है और हमारे चित्त को शांति का अनुभव होता है।
वहां एक खूबसूरत होटल है और मेरे परिवार को एक पुराने ब्रिटिश महिला द्वारा चलाए जा रहे एक विशेष होटल में रहना पसंद है। यह होटल बहुत ही खुले वातावरण में बना हुआ है। वहां होटल में एक बहुत बड़ा बगीचा है, जहाँ बच्चों के लिये झूले की व्यवस्था भी की गई है और होटल के बाहर घूमने के लिये एक मैदान भी है जहाँ हम सुबह उठकर सुबह की सैर करने गए थे और अगर कोई चाहे तो रात के खाने के बाद भी बच्चों के साथ वहां कुछ समय व्यतीत कर सकता है।
कसौली में, मैं सुबह और यहां तक कि शाम को भी अपनी बहन के साथ लंबी सैर के लिए गए। अक्सर पहाड़ी स्टेशनों में हम भूत के बारे में सुनते है और मुझे स्थानीय लोगों द्वारा बताई जाने वाली कहानियों से बहुत प्यार है। मैं वहां के लोगों से बात की और मैंने अतीत की कुछ अज्ञात कहानियों का भी पता लगाया।
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स्केटिंग, कसौली में एक लोकप्रिय खेल है। मैं अब बहुत अच्छी तरह से स्केट कर सकता हूं और मैंने वहां बहुत सारा स्केटिंग किया और मुझे बहुत मज़ा आया। पहाड़ी स्टेशन की ताजा हवा हमें फिर से जीवित कर दिया और तब हमने शहर में वापसी की और तब हमने अधिक आराम और तानोताजा महसूस किया।
इसके बाद हम अपने नाना, नानी के यहाँ गये और वहां हम सब आसपास की जगहों पर घूमने गये। वहां प्रसिद्द मंदिर, बांध, खेत आदि मंदिर में आसपास बहुत बड़ा मैदान है जहाँ कई सारे फूल खिले है और एक तरफ एक नदी है जहाँ हमने खूब नहाया और मस्ती की।
यहाँ पेड़ों पर लगे झूले पर हमने झुला झुला। फिर दूसरे दिन हम बांध देखने गये वहां हमने बांध के बारे में वहां के लोगों से कई बातें की और वह बांध बहुत ही सुन्दर है और विश्व में सबसे बड़े बांधों की गणना में उसे रखा गया है।
फिर अगली सुबह हम वहां के खेतों पर गये, हम उस दिन सब सुबह जल्दी