History, asked by aishaahuja314, 7 months ago

PLEASE WRITE A PARAGRAPH ON TIME IS MONEY IN HINDI IN 100 WORDS..... PLS TOMORROW IS MY EXAM AND I WANT TO KNOW​

Answers

Answered by rocky364
1

Explanation:

<marquee> ☺ ❤ HeYa maTe ❤ ☺ </marquee>

__________________________________

\huge\underline\mathcal\orange{AnSwEr }

कुछ साल पहले एक मुहावरा दोहराया जाता था- टाइम इज मनी यानी समय धन है। इस मुहावरे का फैशन अब चला गया। अब समय और धन की दोस्ती टूट गई है। अब समय किसी के पास नहीं होता, लेकिन धन बहुत होता है।

कुछ साल पहले एक मुहावरा दोहराया जाता था- टाइम इज मनी यानी समय धन है। इस मुहावरे का फैशन अब चला गया। अब समय और धन की दोस्ती टूट गई है। अब समय किसी के पास नहीं होता, लेकिन धन बहुत होता है।इस मुहावरे के जन्मदाता हैं बेंजामिन फ्रैंकलिन, मशहूर अमेरिकी लेखक और प्रकाशक। वर्ष 1748 में उन्होंने एक निबंध में लिखा था- अगर आधा दिन आप काम नहीं करते, तो आधे दिन की कमाई से चूकते हैं। पैसे और समय का जोड़ किसी ने पहली बार किया था।

कुछ साल पहले एक मुहावरा दोहराया जाता था- टाइम इज मनी यानी समय धन है। इस मुहावरे का फैशन अब चला गया। अब समय और धन की दोस्ती टूट गई है। अब समय किसी के पास नहीं होता, लेकिन धन बहुत होता है।इस मुहावरे के जन्मदाता हैं बेंजामिन फ्रैंकलिन, मशहूर अमेरिकी लेखक और प्रकाशक। वर्ष 1748 में उन्होंने एक निबंध में लिखा था- अगर आधा दिन आप काम नहीं करते, तो आधे दिन की कमाई से चूकते हैं। पैसे और समय का जोड़ किसी ने पहली बार किया था।यह मुहावरा औद्योगिकीकरण के बाद की भागदौड़ वाली जीवनशैली के माकूल था। जिंदगी ने कुछ ऐसी रफ्तार पकड़ ली कि लोगों के पास धन की कमी के साथ समय की भी कमी होने लगी। अब इसमें बदलाव आ गया है। जो शेयर और सट्टा खेलते हैं, वे एक मिनट में लाखों कमाते या गंवाते हैं। जो सिर्फ शारीरिक काम करते हैं, ऐसे मजदूर दिन भर काम करके भी कुछ खास नहीं कमाते।

कुछ साल पहले एक मुहावरा दोहराया जाता था- टाइम इज मनी यानी समय धन है। इस मुहावरे का फैशन अब चला गया। अब समय और धन की दोस्ती टूट गई है। अब समय किसी के पास नहीं होता, लेकिन धन बहुत होता है।इस मुहावरे के जन्मदाता हैं बेंजामिन फ्रैंकलिन, मशहूर अमेरिकी लेखक और प्रकाशक। वर्ष 1748 में उन्होंने एक निबंध में लिखा था- अगर आधा दिन आप काम नहीं करते, तो आधे दिन की कमाई से चूकते हैं। पैसे और समय का जोड़ किसी ने पहली बार किया था।यह मुहावरा औद्योगिकीकरण के बाद की भागदौड़ वाली जीवनशैली के माकूल था। जिंदगी ने कुछ ऐसी रफ्तार पकड़ ली कि लोगों के पास धन की कमी के साथ समय की भी कमी होने लगी। अब इसमें बदलाव आ गया है। जो शेयर और सट्टा खेलते हैं, वे एक मिनट में लाखों कमाते या गंवाते हैं। जो सिर्फ शारीरिक काम करते हैं, ऐसे मजदूर दिन भर काम करके भी कुछ खास नहीं कमाते।लेकिन समय को अब भी धन की तरह, या कहें तो धन से भी ज्यादा मूल्यवान मानना चाहिए। धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन समय एक बार गया, सो गया। आप उसे वापस नहीं ला सकते। धन आप पैदा करते हैं, समय को आपने पैदा नहीं किया है। समय ने आपको पैदा किया है। जो आपने पैदा नहीं किया, वह आपसे बहुत बड़ा होता है। धन दृश्य है, हाथ में पकड़ सकते हैं। समय अदृश्य है, हाथ से फिसल जाता है। इसीलिए धन के पीछे जो पागल दौड़ चल रही है, उसमें शरीक न होकर समय पर ध्यान दें कि आप समय को काट रहे हैं या समय का उपयोग कर रहे हैं? समय का सफल उपयोग यही है कि आप समयातीत आत्मा को पा लें।                   

__________________________________

<marquee> ☺ ❤ follow me  ❤ ☺ </marquee>

<marquee>❤ Mark it brainlist ❤☺</marquee>

\huge\underline\mathcal\pink{Thank \ You}

Answered by ItsMansi
21

Heyaa

समय धन से भी ज्यादा कीमती है; क्योंकि यदि धन को खर्च कर दिया जाए तो यह वापस प्राप्त किया जा सकता है हालांकि, यदि हम एक बार समय को गंवा देते हैं, तो इसे वापस प्राप्त नहीं कर सकते हैं। समय के बारे में एक सामान्य कहावत है कि, “समय और ज्वार-भाटा कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करते हैं।” यह बिल्कुल पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की तरह ही सत्य है, अर्थात्, जिस तरह से पृथ्वी पर जीवन का होना सत्य है, ठीक उसी तरह से यह कहावत भी बिल्कुल सत्य है। समय बिना किसी रुकावट के निरंतर चलता रहता है। यह कभी किसी की प्रतिक्षा नहीं करता है।

Hope it helped you .

Similar questions