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मेरी माँ
तेरी ममता की मनचली मैं,
तुझको ढूँढू हर कहीं मैं,
धुँधला सा ये जहाँ,
दिखे सिर्फ तू वहाँ ।
तेरे पैरों पे सिर झुका के
मिला जो सकूँ हमें,
बस इतना बता,
करे तू मुझसे कितना प्यार-
मेरी माँ!
यादों की धुंध में तेरी परछाई,
हम साथ हों तो खुशियाँ आईं,
अब डर अंधेरों का न रहा
है साथ तू न -
मेरी माँ।
मंजिलें मिल गईं,
रास्ते खिल गए,
साथ तेरा हमेशा रहे -
मेरी माँ!
तेरे बिना हम जिएँगे नहीं,
इतना तो हैं मुझे पता,
तेरे बिना सूना - सूना लागे जहाँ
खूबसूरत मेरी माँ!
- galaxysmile
माँ और भगवान
मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया,
ठुमक-ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया..
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई..
ले लकुटी वन-वन भटके गोचारण कियो कन्हाई,
सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान..
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..
तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई,
तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई..
लाड़-प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…
कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी..
समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी,
प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण..
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…
‘विकल’ न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी,
सदय अदालत है सुत हित में सुख-दुख में महतारी..
काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान,
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…