Art, asked by sammu5095, 1 year ago

Please !!!! write a poem on mother.....


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Urgent plzzz​


pkkkkkkkkkkkkk: hlo
pkkkkkkkkkkkkk: Tamara naam
sammu5095: hi
pkkkkkkkkkkkkk: kis class me padti ho
sammu5095: 9 me

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Answered by Anonymous
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मेरी माँ

तेरी ममता की मनचली मैं,

तुझको ढूँढू हर कहीं मैं,

धुँधला सा ये जहाँ,

दिखे सिर्फ तू वहाँ ।

तेरे पैरों पे सिर झुका के

मिला जो सकूँ हमें,

बस इतना बता,

करे तू मुझसे कितना प्यार-

मेरी माँ!

यादों की धुंध में तेरी परछाई,

हम साथ हों तो खुशियाँ आईं,

अब डर अंधेरों का न रहा

है साथ तू न -

मेरी माँ।

मंजिलें मिल गईं,

रास्ते खिल गए,

साथ तेरा हमेशा रहे -

मेरी माँ!

तेरे बिना हम जिएँगे नहीं,

इतना तो हैं मुझे पता,

तेरे बिना सूना - सूना लागे जहाँ

खूबसूरत मेरी माँ!

- galaxysmile

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Answered by Anonymous
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माँ और भगवान

मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान,

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..

माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया,

ठुमक-ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया..

पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण,

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..

दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई..

ले लकुटी वन-वन भटके गोचारण कियो कन्हाई,

सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान..

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान..

तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई,

तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई..

लाड़-प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान,

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…

कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी..

समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी,

प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण..

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…

‘विकल’ न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी,

सदय अदालत है सुत हित में सुख-दुख में महतारी..

काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान,

माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान…

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