Hindi, asked by pchandanrana0000, 4 months ago

please write a story in hindi​

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Answered by KritikaRana1982
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Answer:

बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में 2 बिल्लियां रहती थीं. दोनों बहुत ही अच्छी दोस्त थीं और दोनों आपस में बहुत प्यार से रहती थीं. दोनों की दोस्ती का सभी लोग उदाहरण देते थे. वो दोनों बहुत ख़ुश थीं. उन्हें जो कुछ भी मिलता था, उसे आपस में मिल-बांटकर खाया करती थीं.

एक दिन दोनों दोपहर के व़क्त खेल रही थीं कि खेलते-खेलते दानों को ज़ोर की भूख लगी. वो भोजन की तलाश में निकल पड़ीं. कुछ दूर जाने पर एक बिल्ली को एक स्वादिष्ट रोटी नज़र आई. उसने झट से उस रोटी को उठा लिया और जैसे ही उसे खाने लगी, तो दूसरी बिल्ली ने कहा, “अरे, यह क्या? तुम अकेले ही रोटी खाने लगीं? मुझे भूल गई क्या? मैं तुम्हारी दोस्त हूं और हम जो भी खाते हैं आपस में बांटकर ही खाते हैं.

पहली बिल्ली ने रोटी के दो टुकड़े किए और दूसरी बिल्ली की ओर एक टुकड़ा बढ़ा दिया. यह देख दूसरी बिल्ली फिर बोली, “यह क्या, तुमने मुझे छोटा टुकड़ा दिया. यह तो ग़लत है.

बस, इसी बात पर दोनों में झगड़ा शुरू हो गया और झगड़ा इतना बढ़ गया कि सारे जानवर इकट्ठा हो गए. इतने में ही एक बंदर आया.

दोनों को झगड़ते देख वो बोला, “अरे बिल्ली रानी, क्यो झगड़ा कर रही हो?”

दोनों ने अपनी दुविधा बंदर को बताई, तो बंदर ने कहा, “बस, इतनी सी बात. मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं. मेरे पास एक तराज़ू है. उसमें मैं ये दोनों टुकड़े रखकर पता कर सकता हूं कि कौन-सा टुकड़ा बड़ा है और कौन-सा छोटा. फिर हम दोनों टुकड़ों को बराबर कर लेंगे. बोलो मंज़ूर

दोनों बिल्लियों को बंदर की बात जंच गई. वो तैयार हो गईं. बंदर पेड़ पर चढ़ा और तराज़ू ले आया. उसने दोनों टुकड़े एक-एक पलड़े में रख दिए. तोलते समय उसने देखा कि एक पलड़ा भारी था, तो वो बोला, “अरे, यह टुकड़ा बड़ा है, चलो दोनों को बराबर कर दूं और यह कहते ही उसने बड़े टुकड़े में से थोड़ा-सा तोड़कर खा लिया.

इस तरह से हर बार जो पलड़ा भारी हुआ, उस वाली तरफ़से उसने थोड़ी सी रोटी तोड़कर अपने मुंह में डालनी शुरू कर दी. दोनों बिल्लियां अब घबरा गईं. वो फिर भी चुपचाप बंदर के फैसले का इंतज़ार करती रहीं, लेकिन जब दोनों ने देखा कि दोनों टुकड़े बहुत छोटे-छोटे रह गए, तो वे बंदर से बोलीं, “आप चिंता ना करो, अब हम लोग अपने आप रोटी का बंटवारा कर लेंगी.”

इस बात पर बंदर बोला, “जैसा आप दोनों को ठीक लगे, लेकिन मुझे भी अपनी मेहनत कि मज़दूरी तो मिलनी ही चाहिए ना, इतना कहकर बंदर ने रोटी के बचे हुए दोनों टुकड़े भी अपने मुंह में डाल लिए और बेचारी बिल्लियों को वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

दोनों बिल्लियों को अपनी ग़लती का एहसास हो चुका था और उन्हें समझ में आ चुका था कि आपस की फूट बहुत बुरी होती है और दूसरे इसका फायदा उठा सकते हैं.

Explanation:

Rana ji snap id pls

Answered by sanjudnath
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Answer:

yes your write but please tell me what is the mean of effort

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