please write a story on the topic manavta in hindi(250words) don't copy from net....mention ur views along with the story....plz its urgent....it should be creative guys!
Anonymous:
yaar ky hua aavani
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मानवता----
आज भी समाज में मानवता जिंदा है तो वह भी दो चार गिने-- चुने अच्छे लोगों के कारण।
आए दिन हो रहे वार्दात को देखकर और जानकर नहीं लगता रहा कि मानवता जिंदा भी है।
५ साल के बच्चे की स्कूल में गला रेंदकर हत्या कर दी जाती है। और उसका इल्जाम एक भोले से कंडक्टर पर लगा दी जाती है।
६ महीने के बच्ची के साथ उसी का २८ साल का कज़न भाई रेप करता है।
यह सब सुनकर ऐसा ही लगता है कि मानवता नहीं है।
मानवता मानव द्वारा ही शर्मशार हो रही है।
आज भी समाज में मानवता जिंदा है तो वह भी दो चार गिने-- चुने अच्छे लोगों के कारण।
आए दिन हो रहे वार्दात को देखकर और जानकर नहीं लगता रहा कि मानवता जिंदा भी है।
५ साल के बच्चे की स्कूल में गला रेंदकर हत्या कर दी जाती है। और उसका इल्जाम एक भोले से कंडक्टर पर लगा दी जाती है।
६ महीने के बच्ची के साथ उसी का २८ साल का कज़न भाई रेप करता है।
यह सब सुनकर ऐसा ही लगता है कि मानवता नहीं है।
मानवता मानव द्वारा ही शर्मशार हो रही है।
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hey her is your ans
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मानवता सबसे बड़ा धर्म है। मानवता के ही बदौलत हम सुख, शांति और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। मानवता को सभी धर्म व प्रांत सामान रूप से महत्व देते हैं। उक्त बातें आचार्य राकेश मिश्र ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहीं। वे रविवार को एतिहासिक शिवमंदिर में भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास ने भगवान राम के चरित्र के माध्यम से मानवता और रावण के चरित्र के माध्यम से दानवता के स्वरूप का चित्रण किया है। वास्तव में उसी जीवन का मोल है, जो पीड़ित मानवता की सेवा के लिए समर्पित हो। मानवता सिर्फ मानव तक सीमित नहीं है। इस धरा पर उत्पन्न सभी जीवों पर यह लागू होता है। श्री मिश्र ने कहा कि भगवान राम में विद्यमान विनय है तो रावण में उदण्डता का समावेश है। यही सहजता व जीवों के प्रति उनकी संवेदनशीलता राम को महान और मर्यादा पुरुषोत्तम बनाता है। राम कोई भगवान नहीं बल्कि मानव जीवन के उद्देश्यों, कार्यो व जिम्मेवारियों का प्रतिबंब है, जिसमें व्यक्ति अपना चेहरा देखकर मानवता के प्रति अपनी भूमिका का आकलन कर सकता है। रामायण 'वे ऑफ लाइफ' है। इससे जीवन जीने का तरीका जाना व समझा जा सकता है।
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I hope it will help you friend
#hope
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मानवता सबसे बड़ा धर्म है। मानवता के ही बदौलत हम सुख, शांति और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। मानवता को सभी धर्म व प्रांत सामान रूप से महत्व देते हैं। उक्त बातें आचार्य राकेश मिश्र ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहीं। वे रविवार को एतिहासिक शिवमंदिर में भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास ने भगवान राम के चरित्र के माध्यम से मानवता और रावण के चरित्र के माध्यम से दानवता के स्वरूप का चित्रण किया है। वास्तव में उसी जीवन का मोल है, जो पीड़ित मानवता की सेवा के लिए समर्पित हो। मानवता सिर्फ मानव तक सीमित नहीं है। इस धरा पर उत्पन्न सभी जीवों पर यह लागू होता है। श्री मिश्र ने कहा कि भगवान राम में विद्यमान विनय है तो रावण में उदण्डता का समावेश है। यही सहजता व जीवों के प्रति उनकी संवेदनशीलता राम को महान और मर्यादा पुरुषोत्तम बनाता है। राम कोई भगवान नहीं बल्कि मानव जीवन के उद्देश्यों, कार्यो व जिम्मेवारियों का प्रतिबंब है, जिसमें व्यक्ति अपना चेहरा देखकर मानवता के प्रति अपनी भूमिका का आकलन कर सकता है। रामायण 'वे ऑफ लाइफ' है। इससे जीवन जीने का तरीका जाना व समझा जा सकता है।
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