Hindi, asked by anilsharma261972, 6 months ago

Please write in at least 150 words this. ​

Attachments:

Answers

Answered by sarita2019gautam
0

Answer:

ब्रिटिश हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए देश में कई आंदोलन हुए, कुछ उग्र और कुछ शांति के साथ। अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी हों या फिर युवाओं के प्रेरणा भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु या फिर नेताजी, सबका एक ही मकसद था हिंदुस्तान को गुलामी की बेडिय़ों से आजाद कराना। ताकि हर भारतीय स्वतंत्र राष्ट्र में आजादी की महक से सराबोर होकर अपनी अहमियत पहचाने और एक बार फिर भारत को सोने की चिडिय़ा बनाए, विश्व गुरु की पहचान दिलाए।

देश को स्वतंत्र कराने में और दुश्मनों से लोहा लेने में न केवल पुरुषों की हिस्सेदारी रही बल्कि महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए, किसी ने जंग के मैदान में तो किसी ने अपने आंदोलन से। 69वें स्वतंत्रता दिवस पर आज हम उन महिलाओं को सलाम कर रहे हैं, जिनके आगे अंग्रेजी हुकूमत ने घुटने टेक दिए।

रानी लक्ष्मीबाई

freedom fighters

"खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी" ये कविता किस भारतीय ने नहीं सुनी होगी। हर कोई इसे अपनी जुबां पर रखता है। लक्ष्मीबाई ने साल 1857 मे पुरुषों के व पहन कर अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी सेना का नेतृत्व किया था। उनके साहस और बहादुरी की प्रशंसा दुश्मनों ने भी की थी। हालांकि वे युद्ध में हार गई थीं लेकिन आत्म समर्पण करने से इनकार कर दिया था और दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गईं थीं।

कस्‍तूरबा गांधी

freedom fighters

महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी ने दृढ़ता और साहस से आजादी की लड़ाई में अपना अहम रोल अदा किया। उनकी पहचान केवल महात्‍मा गांधी की आजीवन संगिनी के रूप में ही नहीं रही है बल्कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में कदम से कदम मिलाकर गांधीजी का साथ दिया। साथ ही कई बार स्‍वतंत्र रूप से और गांधीजी के मना करने के बावजूद उन्‍होंने जेल जाने और आंदोलनों में शिरकत करने का निर्णय लिया।

कमला नेहरू

freedom fighters

कमला नेहरू एक सामान्य परिवार से थीं। वे स्वभाव से सरल व सीधी थीं। शादी होने के बाद इलाहाबाद आ गई थीं। सीधी-सादी हिंदुस्‍तानी लड़की होने वाबजूद जब मौका आया तो अंग्रेंजो से लोहा लेने के लिए खड़ी हो गईं। उन्होंने भूख हड़ताल की और जेल भी गईं। कमला नेहरू की सभी प्रेरणाओं में देश की आजादी ही सर्वोपरि थी। असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में उन्‍होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उनका निधन स्विटजरलैंड में टीबी के चलते हो गया था।

विजयलक्ष्‍मी पंडित

freedom fighters

जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्‍मी पंडित आजादी की लड़ाई में शामिल थीं। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया था, जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा। वे एक पढ़ी-लिखी और प्रबुद्ध महिला थीं। विजयलक्ष्‍मी ने देश के बाहर आयोजित समेलनों का भारत की ओर से कई बार प्रतिनिधित्व किया। वे भारत की पहली महिला मंत्री थीं। साथ ही संयुक्‍त राष्‍ट्र की पहली भारतीय महिला अध्‍यक्ष भी थीं।

सरोजिनी नायडू

freedom fighters

"भारत कोकिला" सरोजिनी नायडू एक स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं। उन्होंने साल 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान वह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गईं। गोपाल कृष्‍ण गोखले से एक ऐतिहासिक मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल दी थी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाई। वे सविनय अवज्ञा आंदोलन में गांधी जी के साथ जेल गईं। साथ ही उन्हें 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी 21 महीने के लिए जेल जाना पड़ा था। स्वतंत्रता के पश्चात सरोजिनी भारत की पहली महिला राज्यपाल बनीं। उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। वे एक अच्‍छी कवियत्री भी थीं।

Explanation:

The First War of Independence (1857-58) It was the first general agitation against the rule of the British East India Company. The Doctrine of Lapse, issue of cartridges greased with cow and pig fat to Indian soldiers at Meerut ‘triggered the fire’. Further, the introduction of British system of education and a number of social reforms had infuriated a very wide section of the Indian people, soon became a widespread agitation and posed a grave challenge to the British rule.

As a result of this agitation the East India Company was brought under the direct rule of the British Crown.Even though the British succeeded in crushing it within a year, it was certainly a popular revolt in which the Indian rulers, the masses and the militia participated so enthusiastically that it came to be regarded as the First War of Indian Independence. Rani Lakshmibai was the great heroine of the First war of India Freedom. She showed the embodiment of patriotism, self-respect and heroism. She was the queen of a small state, but the empress of a limitless empire of glory.

Similar questions