Hindi, asked by vidyakumari7090, 6 hours ago

PLEASE WRITE THE BHAVAARTH OF THIS POEM, IT WILL HELP ME A LOT, PLEASE ​

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Answered by pratyushag555
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कवि कहते हैं कि घने अंधेरे यानी रात के बाद सूर्य (रवि) की सवारी आ रही है । खुशी से उछलकर जीतने की बात चाहता हूँ, पर वहीं चाँद जो रात के राजा हैं उन्हें भिखारी यानी लाचार और मजबूर देखकर ठिठक जाता हूँ और चुप हो जाता हूँ। आ रही है सूर्य की सवारी। कविता में बताया गया है कि सभी का अपना-अपना महत्त्व है और सभी का समय आता है ।

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