Hindi, asked by vidyakumari7090, 7 hours ago

PLEASE WRITE THE FULL BHAARTH OF THIS POEM
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Answered by hashan53
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गा रहे हैं कीर्ति–गायन, छोड़कर मैदान भागी तारकों की फौज सारी ! आ रही रवि की सवारी ! अर्थ—कवि बच्चन जी कहते हैं कि सूर्योदय के समय पक्षीगण कलरव करने लगते हैं, बंदी तथा चारण ईश्वर अथवा राजा के गुणगान करने लगते हैं तथा सूर्य के प्रकाश में आकाश में टिमटिमाते तारे प्रकाश हीन अर्थात् लुप्त हो जाते हैं

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