pleaseans all 5 ques
Attachments:
Answers
Answered by
0
Answer:
haath bahut tang haii hindi mei
Answered by
2
मानव जीवन के सबसे बड़े शत्रु काम क्रोध मोह अहंकार है यह पक पक पर नीचा दिखाने का कार्य करते हैं मनुष्य को छोड़ना नहीं चाहता इसीलिए उससे यह शत्रु नहीं लगते उसके स्वार्थ के कारण भी
हमारे विचार से सच्चा संत वही हो सकता है जो यह पांच विकार त्याग दें और निस्वार्थ जीवन जिए संतरा नहीं है जो गैर वस्त्र पहन कर दिखावा करता है वह संत के रूप में बहरूपिया है
इस उल्लेखनीय कथन का आशय है कि कोई भी व्यक्ति परिधानों अर्थात संतो जैसे वस्त्र तथा पूजा का सामान लेकर के संत नहीं बन सकता व्यक्ति संत आचरण अर्थात अपने व्यवहार और अपने गुणों से बनता है संत के कुछ गुण होते हैं संयम क्रोध कम और भी कई गुणों को या फिर ऊपर लिखे पांच विकारों को त्याग दें और अच्छे गुण प्राप्त कर ले वही सच्चा संत है
वह व्यक्ति जो गहरे वस्त्र धारण कर ले और अपने आप को इन पांच विचारों के साथ संत बताएं या इनमें से एक भी विकार उसके अंदर हो तो वह संत के रूप में बहरूपिया है
reenamangoyra:
thanks for helping me ... this means a lot for me
Similar questions