Plese give me a hindi essay on " stri shiksha 'tab or ab'" (women education in past and future)
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यह देश में महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला है क्योंकि महिलाओं को अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं बहुत आवश्यक है। बच्चे के भविष्य के प्यार पर निर्भर करता है और मां की देखभाल के लिए एक औरत का मतलब है। हर बच्चे को उसका / उसकी मां के माध्यम से बहुत पहले सबक इस प्रकार यह बहुत महत्वपूर्ण है के लिए एक माँ केवल एक अच्छी तरह से शिक्षित मां को आकार और उसके बच्चे के कैरियर मोल्ड कर सकते हैं के रूप में शिक्षित हो जाओ। प्रशिक्षित और शिक्षित माताओं को अपने जीवन अवधि में कई लोगों की जान को पोषण देने और विकसित राष्ट्र को जन्म दे सकता है।
एक औरत इस तरह के एक बेटी, बहन, पत्नी, और मां के रूप में अपने जीवन भर में कई पात्रों की भूमिका प्रदर्शन करती है। इससे पहले किसी भी रिश्ते में शामिल किया जा रहा है, पहले वह स्वतंत्र देश के एक स्वतंत्र नागरिक है और आदमी की तरह सभी अधिकार है। वे उचित शिक्षा प्राप्त करने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने का अधिकार है। महिलाओं की शिक्षा के लिए उन्हें मदद और अधिक स्वतंत्र और उनके जीवन में सशक्त होने के लिए। शिक्षा में मदद के लिए उन्हें अपने मन और स्थिति विकसित करने के लिए और पिछले बार की तरह अपने माता-पिता के लिए एक बोझ नहीं हो। शिक्षा में मदद के लिए उन्हें अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में पता होना करने के साथ ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास उसी के रूप में देश के विकास की दिशा में योगदान करने के लिए के रूप में पुरुषों से करते हैं।
Explanation:
भारतीय समाज के सही आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नारी शिक्षा बेहद ज़रूरी है। महिला एवं पुरुष दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं।
जिस तरह से साइकिल का संतुलन दोनों पहियों पर निर्भर होता है उसी तरीके से समाज का विकास भी पुरुष और महिला के कन्धों पर आश्रित है। दोनों ही देश को नई ऊँचाईयों तक ले जाने की क्षमता रखते हैं इसलिए दोनों को ही बराबर की शिक्षा का हक़ मिलना जरुरी है। अगर इन दोनों में से किसी भी एक की शिक्षा का स्तर गिरा तो समाज की प्रगति होना नामुमकिन है।
भारत में महिला शिक्षा
भारत में महिला सुरक्षा के लाभ:
भारत की उन्नति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरुरी है क्योंकि अपने बच्चों की पहली शिक्षक माँ ही होती है जो उन्हें जीवन की अच्छाईयों और बुराइयों से अवगत कराती है। अगर नारी शिक्षा को नजरंदाज़ किया गया तो देश के भविष्य के लिए यह किसी खतरे से कम नहीं होगा। एक अनपढ़ महिला में वो काबिलियत नहीं होती जिससे वह अपने परिवार, बच्चों का सही ख्याल रख सके।
इस कारण आने वाली पीढ़ी कमज़ोर हो जाएगी। हम महिला साक्षरता के सारे लाभ की गिनती तो नहीं कर सकते पर इतना जरुर कह सकते है की एक शिक्षित महिला अपने परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकती है, उन्हें अच्छे बुरे का ज्ञान दे सकती है, सामाजिक तथा आर्थिक कार्य करके देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकती है।
एक पुरुष को शिक्षित करके हम सिर्फ एक ही व्यक्ति तक शिक्षा पहुँचा पाएंगे पर एक महिला को शिक्षित करके हम पूरे देश तक शिक्षा को पहुँचा पाएंगे। महिला साक्षरता की कमी देश को कमज़ोर बनाती है। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि महिलाओं को उनकी शिक्षा का हक़ दिया जाए और उन्हें किसी भी तरह से पुरुषों से कम न समझा जाए।
निष्कर्ष:
आज के समय में भारत महिला साक्षरता के मामले में लगातार प्रगति कर रहा है। हिंदुस्तान के इतिहास में भी बहादुर महिलाओं जिक्र किया गया है। मीराबाई, दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई जैसी कुछ मशहूर महिलाओं के साथ-साथ वेदों के समय की महिला दर्शनशास्त्री गार्गी, विस्वबरा, मैत्रयी आदि का भी उदाहरण इतिहास का पन्नो में दर्ज है। ये सब महिलाएं प्रेरणा का स्रोत थी। समाज और देश के लिए दिए गये उनके योगदान को हम कभी नहीं भूल सकते।