Social Sciences, asked by thakurshruti824, 4 months ago

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Answered by dns132
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Answer:

प्रश्न एक:-

प्रश्न एक:-इस आंदोलन के प्रथम प्रचारक शंकरचार्य माने जाते हैं। शंकराचार्य के उपरांत बारह तमिल संतों ने जो संयुक्त रूप से अलवार के नाम से प्रसिद्ध थे, ने भक्ति को काफी लोकप्रिय बनाया। शैव नयनारों तथा वैष्णव अवलारों ने जैनियों और बौद्धों के अपरिग्रह को अस्वीकार कर ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत भक्ति को ही मुक्ति का मार्ग बताया

प्रश्न दो:-

१०१७ ईसवी सन्। रामानुज ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्ट अद्वैत वेदान्त लिखा था। ... रामानुजाचार्य ने वेदान्त के अलावा सातवीं-दसवीं शताब्दी के रहस्यवादी एवं भक्तिमार्गी आलवार सन्तों के भक्ति-दर्शन तथा दक्षिण के पंचरात्र परम्परा को अपने विचारों का आधार बनाया।

प्रश्न तीन:-

बसवण्णा को शैव संप्रदाय के उपसंप्रदाय वीरशैव या लिंगायत का जनक माना जाता है। ... इनके पिता शैव संप्रदाय के पालक थे। बसवण्णा ने धर्म के नाम पर समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को मिटाने के लिए कई वचन दिए। इन्हीं वचनों के संकलन को 'वचन शास्त्र' कहा जाता है।

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