Hindi, asked by GauravKashyap04, 1 month ago

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Answered by shaikhnayum310
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पिछले कई वर्षों से लगातार पेड़ों की अधिक कटाई होती जा रही है। जितनी भी हरियाली है, सब दिन प्रतिदिन खत्म होती जा रही है। बिना कुछ सोचे समझे पेड़ों को काटा जा रहा है और पेड़ पौधे भी नहीं लगाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से बड़े से बड़े जंगल तक समाप्त हो गए हैं। वृक्ष की संख्या कम होती जा रही है। कुछ पेड़ों की प्रजातियां तो इस हद तक समाप्त हो गई हैं, कि उनके नाम तक याद नहीं है कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं कई विलुप्त होने की कगार पर हैं।

वृक्षारोपण ना करने से सबसे ज्यादा असर समस्त भूमंडल और यहां पर रहने वाले सभी प्राणियों पर पड़ रहा है। आए दिन मौसम में इतना सारा परिवर्तन देखा जाता है कि जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है, इतना तापमान बढ़ जाता है, कि कई जंगलों में आग तक लग जाती है। इस समय देखा जाए तो धरती का अस्तित्व बहुत ही सादा खतरे में पड़ चुका है।

अब लोगों के द्वारा अधिक से अधिक पेड़ लगाए जा रहे हैं। इसकी कोशिश की जा रही है, कि वह एक नया कदम उठा सके नए-नए वृक्ष लगाकर उनकी नवजात शिशु की तरह देखभाल करें क्योंकि वृक्ष लगाना ही काम पूरा नहीं होता है उसकी देखभाल करना भी बहुत ही जरूरी होता है।

हमारे देश में पेड़ों को भी बच्चे की तरह ही माना जाता है, क्योंकि कहा भी जाता है कि एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान हैं। यह इसीलिए ही कहा जाता है, क्योंकि वृक्षों को भी उसी तरह से सीखा जाता है, जिस तरह से बच्चों को पाला जाता है।

पुराने समय से ही वृक्षों और पेड़ों की तुलना भगवान से की गई है क्योंकि ऐसा कहा जाता है। कई पेड़ पौधों में भगवान का वास होता है कई पेड़ पौधों की पूजा भी की जाती है। इसीलिए वह सदैव हमारी रक्षा करते हैं हमें स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं इसीलिए हमें वृक्षारोपण का पुण्य कार्य हमेशा करते ही रहना चाहिए।

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