pls answer me urgently please don't spam otherwise I will report you chapter -8 aadarsh -dincharya
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- अल्पानामपि वस्तूनां संहति: कार्यसाधिका तॄणैर्गुणत्वमापन्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिन:।
अर्थ - छोटी छोटी वस्तुएँ एकत्र करने से बडे काम भी हो सकते हैं। जैसे घास से बनायी हुई डोरी से मत्त हाथी बांधा जा सकता है।
2. शोको नाशयते धैर्य, शोको नाशयते श्रॄतम् ।
शोको नाशयते सर्वं, नास्ति शोकसमो रिपु: ॥
अर्थ - शोक धैर्य को नष्ट करता है, शोक ज्ञान को नष्ट करता है, शोक सर्वस्व का नाश करता है । इस लिए शोक जैसा कोइ शत्रू नही है ।
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Thank my answers
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ok but branliest to kiya nahi gussa ho
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