Hindi, asked by saxenasatyak, 7 months ago

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Answered by aarna742005
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अर्थात् विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।

श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है उसे स्थायी भाव होता है। ... काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है।

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