pls can you write a nice paragraph on school ka pehla din (1st day of school) in hindi
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जन्म दिन और त्योहारों के अतिरिक्त भी कुछ महत्वपूर्ण दिन ऐसे होते हैं, जिन्हें मनुष्य भूल नहीं पाता । प्रथम बार विद्यालय जाना भी बालक के लिए काफी रोमांचकारी होता है । इस का अमिट प्रभाव बालक के मन पर पड़े बिना नहीं रहता ।
यद्यपि आज मैं आठवीं कक्षा का छात्र हूँ, परन्तु जब मैं विद्यालय में अपने प्रथम दिन के विषय में सोचता हूँ, तो रोमांचित हो उठता हूँ । मेरी बहन डी॰ए॰वी॰ स्कूल में पढ़ती थी । वह मुझ से चार वर्ष बड़ी थी । मेरे पिता जी ने मुझे भी इसी विद्यालय में पढ़ाने का निश्चय कर लिया था । जब मैं पाँच वर्ष का हुआ तो मुझे दाखिल कराने का निश्चय किया गया ।
गर्मी के दिन थे । तीन अप्रैल का दिन था । प्रात: काल ही माता जी ने मुझे जल्दी जगा दिया । नित्य कर्म के पश्चात् मैं स्नान करके लगभग छ: बजे तैयार हो गया । दूध और डबल रोटी का नाश्ता किया । मैंने बड़े चाव से विद्यालय की वर्दि पहनी । नये जूते, जुराबें, बस्ता देखकर में प्रफुल्लित था । मेरे पिताजी मुझे और मेरी बहन को कार में बैठाकर स्कूल पहुँचे ।
विद्यालय की इमारत बहुत सुन्दर और तीन मंजिली थी । बाहर गेट पर खाकी वर्दी पहने चौकीदार था । पिता जी ने मुख्य द्वार के पास कार खड़ी की और हम दोनों को लेकर स्कूल पहुँचे । मेरी बहन तो अपनी कक्षा में चली गई ।
मुझे पिता जी प्रधानाचार्य के कमरे में ले गये । वहाँ और भी कई लड़के-लड़कियाँ और उनके माता-पिता विद्यमान थे । प्रधानाचार्य सब को बारी-बारी बुला रहे थे और उनके प्रवेश पत्रों पर हस्ताक्षर कर रहे थे । मेरा दाखिला पहली कक्षा में हुआ ।
मेरी कक्षा का कमरा भू-तल पर ही था । जब मैं कक्षा में पहुँचा तो वहाँ बीस-पच्चीस छात्र-छात्राएं विद्यमान थे । सुधा मेरी बहन की सहेली की छोटी बहन थी । उसने तत्काल मुझे ”हैलो” कहा और मेरी कक्षा अध्यापिका ने मुझे उसके साथ ही पहली पंक्ति में बैठा दिया । चार पीरियड के बाद आधी छुट्टी की घंटी बजी । सब बच्चे बस्ते बंद करके बाहर निकल आये । मैं भी उनके साथ बाहर आ गया ।
मेरी बहन पहले से ही मेरे कमरे के बाहर पहुँच गई थी । हम ने अल्पाहार किया । आधी छुट्टी बंद होने पर सारे बच्चे अपनी-अपनी कक्षा में चले गये । पहले दिन मेरी कक्षा अध्यापिका ने मुझे स्कूल के नियम समझाये । पाठ्य पुस्तकों की एक सूची दी । गिनती और पहाड़ों का ज्ञान कराया । मुझ से एक कविता सुनी । वो मुझ से बहुत प्रसन्न हुई और पीठ थपथपाई ।
लगभग साढ़े बारह बजे पूर्णावकाश की घंटी बजी । मेरी बहन अब भी दौड़ती हुई मेरी कक्षा के बाहर पहुँच गई । हम दोनों स्कूल के बाहर आये । हमारी माता जी द्वार पर हमारी प्रतीक्षा कर रही थीं । तत्पश्चात् हम तीनों तिपहिया स्कूटर में बैठ कर घर आये । जब भी मैं अपने पहले दिन के विषय में सोचता हूँ, तो आनंदित हो जाता हूँ ।
Answer:
school ka pehla din sabke liye bahot jyada rone wala hota hain kynki first time hum mom Ko Chodke kahi aur jaanewale hote hain hum mom Ko Kahi jaane nahi dete Firbhi teacher aake hame le jaati hain aur pehli baar mom Ka haath chodke hum vahase chale jaate hain . Mom din bhar hamara bahar wait karti hain fir hum mom Ke dekhte hi Khush ho jaate hain . Teachers bahoot hi pyaar se hamaara Khyaal rakhte hain . Bachpan bahot Khoobsurat hota hain aur school ka first day jitna emotional hota hain last day usse kahi jyada emotional hota hain . Never miss your school