pls give me paragraph on swachh vidyalya abhiyaan in hindi pks...
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2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का शुभ आरंभ किया। महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारत वासी स्वच्छता के बारे में सीखें और उसका अमल करें।
प्रधान मंत्री ने सब विद्यालयों को भी स्वच्छ भारत अभियां में भाग लेने को कहा था। केंद्रीया बोर्ड ने सी बि एस सी , आइ सी एस सी , राज्यों में सरकार विद्या सम्बंध बोर्डों को स्वच्छ भारत के लिये काम करने के लिये कहा है। और बहूत सारे विद्यालयों ने भी हर रविवार को यह काम शुरू किया है। विद्यालयों ने विद्यार्थियों को झाड़ू, कचरे के डिब्बे, बाल्टी, ब्रश, दास्ताने वगैरा दिये । लेकिन शहरों में अंतर्राष्ट्रिया विद्यालयों ने अब तक कुछ आयोजन नहीं किया। उन सब विद्यालयों ने अपने अपने केम्पसों को साफ किया और रिपोर्ट भी भेजे ।सर्व सिक्षा अभियान ’ और राष्ट्रीया माध्यमिक सिक्षा अभियान प्रोग्रामों द्वारा पचीस हजार विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण करने के आदेश दिये गये। विद्यालयों के अति उत्तम सफाई के लिये एक लाख रुपयों की इनाम भी रखी गयी।
विद्यालयों में छोटे बच्चे सफाई और स्वास्थ्य के बारे में सीखते हैं। गंदगी, कूड़ा, और कचरे से होनेवाले नुकसान भी समझते हैं। विद्यार्थी बडे हो कर जब नागरिक बन जायेंगे, तब भारत को स्वच्छ और साफ रखेंगे। विद्यार्थियों को सवास्थ्य के बारे मे जानकारी होने से वे अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। और अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक रहेंगे।
विद्यालयों में विद्यार्थियों को सब कुछ साफ रखने की आदत पड जाती है, तब वे बिना बताये ही अपनी जगाह के साथ साथ असपास के जगहों को भी साफ और सुन्दर रखने का जिम्मेदारी ले लेंगे। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाती है, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के कम सौंपना चाहिये। इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जा सकता है।
प्रधान मंत्री ने सब विद्यालयों को भी स्वच्छ भारत अभियां में भाग लेने को कहा था। केंद्रीया बोर्ड ने सी बि एस सी , आइ सी एस सी , राज्यों में सरकार विद्या सम्बंध बोर्डों को स्वच्छ भारत के लिये काम करने के लिये कहा है। और बहूत सारे विद्यालयों ने भी हर रविवार को यह काम शुरू किया है। विद्यालयों ने विद्यार्थियों को झाड़ू, कचरे के डिब्बे, बाल्टी, ब्रश, दास्ताने वगैरा दिये । लेकिन शहरों में अंतर्राष्ट्रिया विद्यालयों ने अब तक कुछ आयोजन नहीं किया। उन सब विद्यालयों ने अपने अपने केम्पसों को साफ किया और रिपोर्ट भी भेजे ।सर्व सिक्षा अभियान ’ और राष्ट्रीया माध्यमिक सिक्षा अभियान प्रोग्रामों द्वारा पचीस हजार विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण करने के आदेश दिये गये। विद्यालयों के अति उत्तम सफाई के लिये एक लाख रुपयों की इनाम भी रखी गयी।
विद्यालयों में छोटे बच्चे सफाई और स्वास्थ्य के बारे में सीखते हैं। गंदगी, कूड़ा, और कचरे से होनेवाले नुकसान भी समझते हैं। विद्यार्थी बडे हो कर जब नागरिक बन जायेंगे, तब भारत को स्वच्छ और साफ रखेंगे। विद्यार्थियों को सवास्थ्य के बारे मे जानकारी होने से वे अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। और अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक रहेंगे।
विद्यालयों में विद्यार्थियों को सब कुछ साफ रखने की आदत पड जाती है, तब वे बिना बताये ही अपनी जगाह के साथ साथ असपास के जगहों को भी साफ और सुन्दर रखने का जिम्मेदारी ले लेंगे। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाती है, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के कम सौंपना चाहिये। इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जा सकता है।
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