pls give the answer guys it's urgent
Answers
Answer:
1)आधुनिक युग में योग का महत्व बढ़ गया है उसके बढ़ने का कारण व्यक्तित्व और अमन की व्यवस्था है यदि मनी और शारीरिक रूप में पड़ता है
2)वह संसार मेरा जीवन का सुख भोग सकता है और अपनी सभी व्यक्तियों एवं मनोकामनाएं क्यों पूर्ण कर सकता है शरीर रही हो यह महादेव है जिससे द्वारा अपनी सभी कामों को संपूर्ण कर सकते हैं
3)जून 2015 को प्रथम बार संपूर्ण विश्व में विश्व योग दिवस मनाया गया उसके साथ ही है रोशन में किया गया कि प्रीति अपूर्ण जून के विश्व योग दिवस के रुप में मनाया गया था योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है हमारे पूर्वजों ने बहुत समय पहले ही उसका आविष्कार कर लिया था और उसके महत्व को पहचान लिया था
4)आधुनिक युग के योग महत्वपूर्ण है उसके बनने का कारण व्यक्तित्व और मन की एकाग्रता है यदि मनुष्य शरीर शुद्ध रूप में सुबह है तो वह संसार में रहते ही जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कष्टों को मिटा सकता है मन कामनाओं को पूरा कर सकता है शरीर व महत्व है इसीलिए द्वारा हम अपने सभी कामों को संपन्न कर सकते हैं इसलिए अपना शरीर को सीधा करने वाला प्रथम कर्तव्य है जिसे योग द्वारा बनाया जाता है
5)निस संसार , निश प्राचीन
I hope it help you if it correct follow me and like the answer and mark me brainlest
1)आधुनिक युग में योग का महत्व बढ़ गया है उसके बढ़ने का कारण व्यक्तित्व और अमन की व्यवस्था है यदि मनी और शारीरिक रूप में पड़ता है
2)वह संसार मेरा जीवन का सुख भोग सकता है और अपनी सभी व्यक्तियों एवं मनोकामनाएं क्यों पूर्ण कर सकता है शरीर रही हो यह महादेव है जिससे द्वारा अपनी सभी कामों को संपूर्ण कर सकते हैं
3)जून 2015 को प्रथम बार संपूर्ण विश्व में विश्व योग दिवस मनाया गया उसके साथ ही है रोशन में किया गया कि प्रीति अपूर्ण जून के विश्व योग दिवस के रुप में मनाया गया था योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है हमारे पूर्वजों ने बहुत समय पहले ही उसका आविष्कार कर लिया था और उसके महत्व को पहचान लिया था
4)आधुनिक युग के योग महत्वपूर्ण है उसके बनने का कारण व्यक्तित्व और मन की एकाग्रता है यदि मनुष्य शरीर शुद्ध रूप में सुबह है तो वह संसार में रहते ही जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कष्टों को मिटा सकता है मन कामनाओं को पूरा कर सकता है शरीर व महत्व है इसीलिए द्वारा हम अपने सभी कामों को संपन्न कर सकते हैं इसलिए अपना शरीर को सीधा करने वाला प्रथम कर्तव्य है जिसे योग द्वारा बनाया जाता है
5)निस संसार , निश प्राचीन
.