Hindi, asked by mangeshshingade332, 20 days ago

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Answered by zabirshah332
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महाभारत के अनुसार भरत ने बड़े-बड़े यज्ञों का अनुष्ठान किया तथा महर्षि भारद्वाज की कृपा से भूमन्यु नामक पुत्र प्राप्त किया।

श्रीमद्भागवत के अनुसार तदनंतर वंश के बिखर जाने पर भरत ने 'मरुत्स्तोम' यज्ञ किया। मरुद्गणों ने भरत को भारद्वाज नामह पुत्र दिया। भारद्वाज जन्म से ब्राह्मण था किन्तु भरत का पुत्र बन जाने के कारण क्षत्रिय कहलाया। भारद्वाज ने स्वयं शासन नहीं किया। भरत के देहावसान के बाद उसने अपने पुत्र वितथ को राज्य का भार सौंप दिया और स्वयं वन में चला गया। इस वंश के सब राजा 'भरतवंशी' कहलाए।

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