Hindi, asked by pavi52756, 3 months ago

pls kindly dont spam....frds be honest​

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Answered by Adityapandey1468
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Okey ?

इंडियन वूमन अर्थात भारतीय महिला- इस शब्द को सुनते ही हर नागरिक के मन में एक छवि उभरने लगती है। भारतीय महिला अर्थात एक अच्छी बेटी, बहन, माँ, पत्नी इत्यादि। स्वतंत्रता के इन 61 वर्ष पश्चात भी हम महिलाओं को सामान्यत: इन्हीं रूपों में देखते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि स्वतंत्रता के 61 वर्षों में भारत में महिला वर्ग में बड़ी तेज़ी से परिवर्तन हुए हैं।

आज से 61 वर्ष पूर्व सन् 1947 में भारत में महिलाएँ केवल घरों में रहती थीं। उन्हें घर से बाहर निकलने, पढ़ने-लिखने, खेलने, पुरुषों की तरह बाहर काम करने आदि अनेक क्षेत्रों में अनुमति नहीं थी। भारतीय संविधान में महिला एवं पुरुष दोनों के लिए समान अधिकार बनाए गए हैं किन्त निरक्षरता एवं घरेलअधिकार बनाए गए है,

आज भारतीय नारी ने अपने स्तर पर हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है। अगर हम शिक्षा के विषय में बात करें तो पुरुषों की अपेक्षा, महिलाओं में अशिक्षा का स्तर ज़्यादा है किन्तु अगर शिक्षित नारी की शिक्षित पुरुष से तुलना की जाए तो वह उनसे कहीं आगे है। हम अकसर अखबारों में पढ़ते हैं- हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में छात्राओं ने बाजी मारी, आईआईटी परीक्षा परिणाम में छात्रा सर्वप्रथम। अत: महिलाएँ अपने प्रयास और प्रयत्न में पीछे नहीं हैं, किन्तु आवश्यकता है उन्हें सही अवसर प्रदान करने की।अधिकार बनाए गए हैं, किन्तु निरक्षरता एवं घरेलू तथा भारतीय धार्मिक परंपराओं की वजह से महिलाएँ उन समस्त अधिकारों का सम्पूर्ण उपयोग नहीं कर पाई हैं।

आज भारतीय नारी ने अपने स्तर पर हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है। अगर हम शिक्षा के विषय में बात करें तो पुरुषों की अपेक्षा, महिलाओं में अशिक्षा का स्तर ज़्यादा है किन्तु अगर शिक्षित नारी की शिक्षित पुरुष से तुलना की जाए तो वह उनसे कहीं आगे है। हम अकसर अखबारों में पढ़ते हैं- हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में छात्राओं ने बाज़ी मारी, आईआईटी परीक्षा परिणाम में छात्रा सर्वप्रथम। अत: महिलाएँ अपने प्रयास और प्रयत्न में पीछे नहीं हैं, किन्तु आवश्यकता है उन्हें सही अवसर प्रदान करने की।इसी तरह विज्ञान, व्यापार, अंतरिक्ष, खेल, राजनीति हर क्षेत्र में भारतीय नारी ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जिस तरह सरदार वल्लभभाई पटेल को लौह पुरुष कहा जाता है उसी तरह इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री के रूप में भारत का नाम संपूर्ण विश्व में गौरवान्वित किया है।

सौन्दर्य के क्षेत्र में ऐश्वर्या राय, सुस्मिता सेन ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में सम्मान प्राप्त किया है। संगीत की दुनिया में लता मंगेशकर को साक्षात सरस्वती माँ का दर्जा दिया गया है। किरण बेदी, पीटी उषा, कल्पना चावला जैसी महिलाओं ने साबित किया है कि वे किसी से कम नहीं हैं।

आज भारतीय नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के प्रयास में कार्यरत है, किन्तु हमारी मानवीय सोच ही उनकी प्रगति में बाधक है। जब कोई विवाहित महिला अपने करियर में आगे बढ़ना चाहती है, आत्मनिर्भर बनना चाहती है तो सर्वप्रथम उसके परिवारजन को ही उसमें आपत्ति होती है। इसी तथ्य को हिंदी सिनेमा में भी कई बार दिखाया गया है। वर्तमान समय की सुपरहिट फिल्म 'चक दे इंडिया' इसी का एक उदाहरण है।

अंतत: हम यही निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि स्वतंत्रता के इतने वर्षों में भारतीय नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ी है। उसने कई उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं किन्तु आगामी समय में प्रवेश करने के पहले हमें ज़रूरत है उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की, जिसके लिए आवश्यकता है, विचार परिवर्तन की। सामाजिक संकीर्णताओं सेमुक्ति पाने की। भारतीय महिला अपना आसमान खुद तलाश लेगी, अगर वातावरण अनुकूल हो।

If you think my ans is right

mark me as brainliest answer

Bye good night शुभ रात्रि

Answered by ranjan12342003
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आज से 61 वर्ष पूर्व सन् 1947 में भारत में महिलाएँ केवल घरों में रहती थीं। आज भारतीय नारी ने अपने स्तर पर हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है। अगर हम शिक्षा के विषय में बात करें तो पुरुषों की अपेक्षा, महिलाओं में अशिक्षा का स्तर ज़्यादा है किन्तु अगर शिक्षित नारी की शिक्षित पुरुष से तुलना की जाए तो वह उनसे कहीं आगे है।

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