pls pls help [ Hindi )
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समाज की सोच
आज मैं अपने हाँ और ना बताने आया हूं
हर नारी की भावना यहां सुनाने आया हूं
मेरी इन धारणाओं पर आप सवाल न करना
क्योंकि मैं एक समाज की सोच जताने आया हूं
है यहां आज आधुनिकता का जमाना
फिर क्यों पुरुष प्रधान का होता अफ़साना
कहते फिरते ये महिलाओं को प्रथम
और करते हैं इन पर सवालों का तराना
यही बात तो आपको समझाने आया हूं
क्योंकि मैं एक समाज...
ना मिलती इन्हें उड़ानों की आजादी
आज भी यह रहती बनकर इक दुभागी
जीवन इनका रहता महज़ कोई बैरंग कागज
फिर क्यों लोग कहते बातें ये किताबी
यही पीड़ा का आगाज करने आया हूं
क्योंकि मैं एक समाज...
नहीं कर सकती तुम कुछ भी
क्योंकि तुम एक लड़की हो
जो बोले परिवार वाले वो मान लो
क्योंकि तब तुम एक बेटी हो
जाओ ससुराल और सम्हाल लो उस चूल्हे को
क्योंकि अब तुम एक बहू हो
मैं तो कहता हूँ छोड़ दो ऐसे बंधन
करो कुछ ऐसा कृतिमान
बता दो सबको की सबसे पहले तुम एक नारी हो
यही जज़्बा तो तुममें जगाने आया हूं
क्योंकि मैं एक समाज...
मेरे हां और ना से तुम पर
कोई प्रभाव ना होगा
बढ़ो नारी तुम आगे तब आप पर
कोई दबाव ना होगा
बदल दो इस दुनिया की तस्वीर
और कहो कि किसी से कम नहीं
भरो उड़ान उस गगन में तब
तुम पर कोई तनाव ना होगा
यही मेरी भावना आपको बतलाने आया हूँ
मेरी इस कविता के रूप में,
नारियों का सम्मान करने आया हूँ ....
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