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aapsi sambandho par dhan ka prahv ho hi jata h chahe ristey kaise hi ho dhan aate h riston ko kuch nhi samjha jata aaj kal ke zamane me paisa hi sab kuch h
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subhprabhat,
यह सही है कि धन के अभाव से बड़े-बड़े कार्य रुक जाते हैं, जहां धन की कमी है वहां जीवन निर्वाह करना कठिन हो जाता है। इसलिए हमें धन की सख्त जरूरत है। आज जीवन के लिए धन नहीं रह गया है, धन के लिए जीवन हो गया है। हर आदमी जीवन, भाईचारा, सुख-शांति व ईमान खोकर जिस किसी भी तरह धन कमाने के पीछे पड़ा है। इससे दुनिया में धन नहीं बढ़ा है बल्कि धन का नशा बढ़ा है। धन के लिए पागलपन बढ़ा, इससे दुख बढ़ा, अशांति बढ़ी, वैर और घमंड बढ़ा और हमारी शैतानियत बढ़ी।
यह ठीक है कि धन के बिना हमारा काम नहीं चल सकता, थोड़ा बहुत धन हमें चाहिए, पर जितना चाहिए उसी के पीछे यह सब अनर्थ नहीं हो रहा। अनर्थ वह लोग ही करते हैं जिनके पास चाहिए से अधिक धन है। यहां सवाल यह उठता है कि चाहिए से अधिक धन का लोग क्या करते हैं। क्यों मनुष्य उसके पीछे पागल हो रहा है। जीवन की खुशहाली के लिए विकास जरूरी है और विकास के लिए धन, लेकिन यदि मनुष्य नैतिक मूल्यों को भुलाकर धन कमाता है तो समाज की व्यवस्था खराब हो जाएगी। आजकल गलत तरीके से धन कमाने के लिए मनुष्य भ्रष्टाचार, रिश्वत, गैर कानूनी कार्य, अपहरण, अमीर लोगों की हत्याएं, चोरी आदि अनेक बुरे कार्यो का सहारा ले रहा है जो मानवता के सभी नैतिक मूल्यों और आदर्शो का ह्रास कर रहे हैं। गलत तरीके से मनुष्य कम समय और प्रयासों में धन तो प्राप्त कर लेता है, लेकिन वह धन अधिक समय तक उसके पास नहीं रहता। जो व्यक्ति मानवता के सभी नियमों का पालन करके सही तरीकों से धन कमाते हैं वे चाहे कम ही धन कमाते हैं परंतु वह धन बहुत लंबे समय तक प्रयोग में आता है और वे व्यक्ति एक दिन समाज के उच्च सम्मानित व्यक्ति बनते हैं।
धन के महत्व को ध्यान में रखते हुए आज प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि वे धन को सही राह पर चलकर कमाएं और उसका सदुपयोग करें। हम नहीं जानते कि हमारे ऊपर कब कौन-सी आपदा आ जाए, जिसके कारण हमें धन की आवश्यकता पड़े। इसलिए हमें चाहिए कि हम कुछ धन अवश्य उस वक्त के लिए बचाकर रखें और उसे व्यर्थ में नष्ट न करें। जो मनुष्य धन का सदुपयोग करते हैं वे सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं। उन्हें धनाभाव का कष्ट नहीं भोगना पड़ता। धन को सही तरीके से कमाने और इसका सदुपयोग करने वाला मनुष्य ही देश की उन्नति में सहयोग दे सकता है। इसलिए हमें इसका महत्व समझते हुए इसका सदुपयोग करना चाहिए।
- अंजु शर्मा, मुख्याध्यापिका गुरु गो¨बद ¨सह स्कूल मंडी।
हर युग में रहा है धन का महत्व
धन का महत्व प्रत्येक युग में छोटे-बड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए अवश्य रहा है। सच तो यह है कि धन के अभाव में व्यक्ति का किसी भी तरह से जीवित रह पाना संभव नहीं हुआ करता। आखिर इतना धन तो हर व्यक्ति को चाहिए ही कि वह अपना व अपने घर परिवार का नि¨श्चत होकर गुजर-बसर कर सके। जीवन जीने के लिए धन एक तरह की अनिवार्यता है। शरीर रहेगा तभी व्यक्ति धर्म-कर्म आदि सभी तरह के पुरुषार्थ कर सकेगा। शरीर की रक्षा के लिए अन्न व वस्त्र आदि आवश्यक हैं तथा उन्हें पाने के लिए धन उतना ही आवश्यक है।
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- शिप्रा कपूर, शिक्षिका गुरु गो¨बद ¨सह पब्लिक स्कूल मंडी।
धन से जुटाएं उचित साधन
धन का महत्व इसी बात से सिद्ध हो जाता है कि धन के बिना करीब सभी धार्मिक कार्यो को नहीं कर सकते। धन के अभाव में जीवन मुश्किल हो जाता है। जहां यह सत्य है कि धन की बुराइयों को अपनी ओर खींचने की क्षमता अकथनीय है। इस दुविधा को दूर करने के लिए हमारी संस्कृति ने एक मार्ग सुझाया है। यह मार्ग है त्याग का। अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दूसरों की भलाई व ध्यान के लिए धन की सहायता से उचित साधन जुटाएं। किसी साधन का उपयोग करते समय जिस लक्ष्य के लिए उस साधन को जुटाया गया है उस उद्देश्य का हमेशा सामने रखा जाए। उद्देश्य की पूर्ति हो जाने पर उस साधन से किसी तरह का मोह नहीं रखना चाहिए।
- शगुन, छात्रा गुरु गो¨बद ¨सह पब्लिक स्कूल मंडी।
कुछ भी खरीदने के लिए पैसा जरूरी
जीवन में कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें धन से नहीं खरीदा जा सकता। हम सब जानते हैं कि पैसा सबकुछ नहीं होता, लेकिन कुछ भी खरीदने के लिए पैसा बहुत जरूरी है। हमें अपनी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए धन की जरूरत पड़ती है। हमें बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए धन की जरूरत होती है। हालांकि कुछ समय पहले हमारे देश में खाद्य विपणन व्यवस्था थी जहां पर हम अपनी जरूरत की वस्तुओं या सामान को खरीदने के लिए कोई दूसरी वस्तुओं के माध्यम से भुगतान करते थे, लेकिन अब जमाना बदल गया है। आज कुछ भी खरीदने के लिए पैसा चाहिए।
- चेतना कुमारी, छात्रा गुरु गो¨बद ¨सह पब्लिक स्कूल मंडी।
लोगों की भलाई में हो पैसे का उपयोग
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