Hindi, asked by Samaahita, 10 hours ago

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Answered by vickysharayavickysha
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एक दिन एक कुत्ता बहुत भूखा था। वह भोजन की तलाश में भटक रहा था। जब उसे कहीं कुछ खाने के लिए नहीं मिला तो उसे बाजार के नुक्कड़ में स्थित कसाई की दुकान की याद आई। जब भी उसे गोश्त खाने का मन होता, वह कसाई की दुकान पर जाता। कसाई बची हुई हड्डी का गोश्त का छोटा टुकड़ा उसके आगे डाल देता इसलिए आज भी वह कसाई की दुकान के सामने जा पहुँचा। वह कसाई की दुकान के सामने बैठ गया पर आज कसाई ने उसे अनदेखा कर दिया इसलिए चुपके से वह दुकान से माँस का एक बड़ा टुकड़ा मुँह में लेकर वहाँ से भाग खड़ा हुआ। कुत्ते ने सोचा कि क्यों ना माँस के टुकड़े को किसी सुरक्षित स्थान पर खाया जाए जहाँ कोई और कुत्ता आकर उसके द्वारा चुराए गए माँस के टुकड़े को ना छीन सके। इसी सोच-विचार में वह आगे बढ़ रहा था। उसने माँस के टुकड़े को अपने मुँह में कसकर पकड़ा हुआ था। रास्ते में उसे एक नहर मिली, जिसे पार करने के लिए उस पर लकड़ी का एक पुल बना हुआ था। अभी वह कुत्ता आधा पुल ही पार कर पाया था कि उसकी नजर नहर के पानी में पड़ती हुई अपनी परछाई पर पड़ी। कुत्ता यह नहीं समझ पाया कि वह उसकी परछाई है। उसने सोचा कि पानी के अंदर कोई दूसरा कुत्ता है जो उसी के समान माँस का टुकड़ा मुँह में लिए पानी के नीचे खडा है। वह बहत प्रसन्न हुआ उसे लगा कि आज निश्चय ही मेरे भाग्य के सितारे बुलंद हैं। इसीलिए मुझे बार-बार माँस के टुकड़े मिल रहे हैं। मुझे अचानक मिले इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसे सनहरे अवसर बार-बार नहीं मिलते। कुत्ते के मन में लालच आ गया। उसने सोचा, 'क्यों न मैं पानी के नीचे खड़े कुत्ते के मुँह से माँस का टुकड़ा छीन लूँ। इस प्रकार मेरे पास दो टुकड़े हो जाएंगे। पता नहीं फिर कब भोजन मिले। मुझे इस मौके को गँवाना नहीं चाहिए।' ऐसा सोचकर वह अपनी ही परछाई पर जोर-जोर से भौंकने लगा। भौंकते ही उसके मुँह से माँस का टुकड़ा निकल कर नहर में जा गिरा। टुकड़ा गिरने के कारण पानी में पड़ती हुई कुत्ते की परछाई भी खो गई। अब तो कुत्ते के पास कुछ भी नहीं रह गया था। दूसरे का टुकड़ा छीन लेने की कोशिश में उसने अपना टुकड़ा भी गँवा दिया।

शिक्षा: लालच बुरी बला है।

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