Hindi, asked by subhikshamrth39, 1 year ago

Pls somebody answer this passage....... I will mark u as brainliest

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Answered by raone65
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1) अहंकार के कारण स्वरूप उसकी दृष्टि हमेशा दूसरों कि बुराइयों पर टिकी रहती है.

2) दूसरो की उन्नति को मनुष्य उसकी उस व्यक्ति प्रति होने वाली ईर्ष्या के कारण देखना नहीं चाहता.

3) जब मनुष्य आत्म निरिक्षण को भूलाकर केवल परिछिन्दानवेश मे अपना जीवन बिताना चाहे तब स्वास्थ्य ओर सदाचार नष्ट हो जाते हैं.

4) अहंकार दूर करने के लिये हमे आत्मनिरीक्षण को भुलाना नहीं चाहिए, दूसरो के प्रति ईर्ष्या ना करते हुए उसके प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए, दूसरों के गुणों की तारीफ़ करनी चाहिए उन्हे प्रोत्साहन देना चाहिए.

5)
a) अहंकार
b) मनुष्य का शत्रु 'अहंकार'
c) अहंकार मनुष्य का विनाशी

raone65: plz mark me
subhikshamrth39: ya when i get i will
raone65: as u r wish☺️
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