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Answers
जिस भारत की शान का होता था दुनिया में मान
वही आज लोग बेआबरू हो खो रहे सम्मान
जिनकी सभ्यता का होता था गुड़गान
वही आज लोग बेआबरू हो खो रहे सम्मान
जहाँ नारी परदे में करती थी कभी शृंगार
वहीं पहनावे का आज हो रहा अपमान
जहाँ पुरुष थे कभी मर्यादा के प्रतिरूप
खोकर नीयत अपनी बन रहे कुरूप
जहाँ कभी रिश्तों में होता था अभिमान
नहीं बचा आज कोई भी रिश्ते का मान
जहाँ कभी इज़्ज़त की ख़ातिर दे देते थे जान
वहाँ बेटियाँ आज लाज बचाने में परेशान
जहाँ की नदियो का जल होता था अमृत
वहाँ आज का पानी पीकर हो रहे हैं म्रत
जहाँ की ऐक़ता से डरती थी दुनिया की अवाम
वहीं नफ़रत की बिसात पर हो रहा क़त्ले आम
जहाँ दिन में हो आरती,सुबह होती थी अज़ान
वही छोड़ पूजा,नमाज़ लोग बन गए शैतान
जिस भारत की शान का होता था दुनिया में मान
वही आज लोग बेआबरू हो खो रहे सम्मान
-अनुकेश
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