Pls tell 10 points on swami dayanand in Hindi
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पूरा नाम – मूलशंकर अंबाशंकर तिवारी
जन्म – 12 फरवरी 1824
जन्मस्थान – टंकारा (मोखी संस्थान, गुजरात)
पिता – अंबाशंकर
माता – अमृतबाई
शिक्षा – शालेय शिक्षा नहीं ले पाये.
विवाह – शादी नहीं की.
जीवन पलट देनेवाली घटना – एक बार शिवरात्री थी. पिताजी ने कहा, “मुलशंकर, आज सभी ने उपवास करके रातभर मंदीर में जगना और शिवजी की पूजा करना.” ये सुनकर मुलशंकर ने उपवास किया. दीन खतम हुवा, रात हुयी. मुलशंकर और पिताजी शिवजी के मंदीर गये. उन्होंने पूजा की रात के बारा बज गये. पिताजी को नींद आने लगी. पर मुलशंकर जागता रहा. मेरा उपवास निरर्थक जायेगा इस वजहसे सोया नही.
मंदिर में के चूहे बिल में से बाहर आये. और शिव जी के पास घूमने लगे. वहा के प्रसाद खाने लगे. ये नजारा देखकर जो मूरत चूहों से अपनी रक्षा नहीं कर सकती. वो भक्तो को संकट में कैसी रक्षा करेगी. मूरत में कोई सामर्थ्य नही होता, तो मुर्ति पूजा को भी कोई अर्थ नहीं, ऐसे अनेक विचार उनके मन आने लगे उस समय से उनके मन में धर्म के विषय में जिज्ञासा जागृत हुयी. भगवान का शाक्ष्वत स्वरूप और धर्म का सच्चा अर्थ जानने की इच्छा और बढी.
जीवन क्या है? मृत्यु क्या है? इन सवालों के जवाब सक्षम महात्मा से समझ लेना चाहिये, ऐसा उन्हें लगा. इस ध्येय प्राप्ती के लिये उन्होंने 21 साल की उम्र में अपना घर छोड़ा. उनके परिवार के बड़े सदस्योने उनकी विवाह के बारे में चलाये विचार ये उनके इस निर्णय के दलील हुयी.
