pls tell rules for vachya parivartan
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वाच्य क्रिया के उस रूप को कहते हैं, जिससे वाक्य की कर्ता प्रधानता, कर्म प्रधानता अथवा भाव प्रधानता का बोध होता है, सरल शब्दों में कहें तो किसी वाक्य में वाच्य क्रिया का वह रूप है, जिससे ये पता चले कि वाक्य में कर्ता प्रधान है, कर्म प्रधान है अथवा भाव प्रधान है। इसी के आधार पर क्रिया के लिंग और वचन निर्धारित होते हैं।
वाच्य के तीन भेद होते हैं.
कर्त वाच्य
कर्म वाच्य
भाववाच्य
कर्त वाच्य...
राम विद्यालय जाता है।
कर्म वाच्य...
राम द्वारा विद्यालय जाया जाता है।
भाव वाच्य...
राम से विद्यालय जाया जाता है।
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वाच्य से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
चलो घूमने चलते हैं। (भाव वाच्य में बदलें)
brainly.in/question/8893882
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brainly.in/question/14878892
निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(क) क्या तुम्हारे द्वारा इंद्रधनुष देखा गया है? (कर्तृवाच्य में)
(ख) चिड़िया उड़ नहीं पाती। (भाव वाच्य में)
(ग) वह लिख नहीं सकता। (वाच्य का नाम बताइए)
(घ) हमारी टीम द्वारा मैच खेला गया। (कर्तृ वाच्य में)
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Explanation:
वाक्य में क्रिया का प्रयोग करता के अनुसार विवाह अथवा कर्म के अनुसार हुआ है अथवा स्वतंत्र रूप से हुआ है इसका बोध जिस विधि के माध्यम से होता है उसे बच्चे कहते हैं संक्षेप में वाक्य निर्माण की शैली को वाच्य के नाम से जाना जाता ह
वाच्य तीन प्रकार के होते हैं
जिस वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार होता है उसे हम कर्तरी वाच्या कहते हैं
जिस वाक्य के लिए क्रिया का प्रयोग कर्म के अनुसार होता है उसे कर्मवाच्य कहते हैं
जिस वाक्य में क्रिया का प्रयोग करता अथवा कर्म के अनुसार ना होकर स्वतंत्र रूप से होता है उसे भाव वाच्य कहते हैं