Pls write a big essay on bharat ke vartamaan samasyaein in HINDI
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भारत की वर्तमान समस्या पर निबंध
भारत की प्रमुख समस्या है गरीबी और बेरोजगारी, जिसका मूल कारण है बढ़ती हुई जनसंख्या। स्वतन्त्रता से पूर्व जहां भारत की जनसंख्या मात्र 36 करोड थी, वहीं वर्ष 2011 में जनसख्या 125 करोड़ को पार कर गई। इसका तात्पर्य यह है कि जनसंख्या वृद्धि की दर 13.3 प्रतिशत है।
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हमारे देश का स्वरूप जितना विभिन्न है, उतना वह विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरा हुआ है। हमारे देश की दशा सम्पूर्णरूप से भिन्न है। इसकी विभिन्नता में एकता कहीं अवश्य छिपी हुई है। लेकिन वह एकता भी किसी न किसी प्रकार की समस्या से जकड़ी हुई है। अतएव हमारा देश समस्या प्रधान देश है, ऐसा कहा जाए तो कोई अत्युक्ति नहीं होगी। यों तो हमारे देश की समस्याएँ अनेकानेक हैं, लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख हैं और कुछ सामान्य। हम इन दोनों ही प्रकार की समस्याओं के विषय में यहाँ विचार कर रहे हैं|
1) भाषा की समस्या- भाषा की समस्या हमारे देश की भयंकर समस्या है। हमारे देश के अन्तर्गत बोली जाने वाली विभिन्न प्रकार की भाषाएँ हैं। हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, राजस्थानी, हरियाणवी, उडि़या, गुजराती, बंगला, मराठी, तमिल, तेलगु, कन्नड़, उर्दू, मलयालम आदि भाषाओं को यहाँ के विभिन्न प्रान्तों और क्षेत्रों के लोग बोलते हैं और समझते हैं। इस प्रकार से हमारा देश बहुभाषी देश है। बहुभाषी देश होने के कारण हम आज तक किसी एक भाषा को राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दे सके हैं। अगर हम किसी एक भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता देने का कदम उठाते हैं, तो इससे दूसरे भाषा भाषी अपनी भाषा का अपमान मानकर क्षुब्ध हो उठते हैं। इससे कभी कभी भयंकर घटनाएँ घटित हो जाती हैं। इस प्रकार भाषा भेद की समस्या हमारे राष्ट्र की एक प्रमुख समस्य बनी हुई है|
2) ग्रामीण समस्याएँ- हमारे देश के अन्तर्गत ग्रामीण समस्याओं की भरमार है। ग्रामीण समस्याओं के अन्तर्गत, अशिक्षा, अंधविश्वास, रूढि़वादिता, दहेज, सती आदि प्रथा की समस्या, विधवा की समस्या आदि विकराल रूप से हैं, जो हमारे राष्ट्र की कमर ही तोड़ रही है। सरकार इनके समाधान में पूर्ण रूप से विफल है।
3) बेरोजगारी की समस्या- हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या अत्यन्त कष्टदायक और विपत्तिजनक समस्या है। इसका निदान करना हमारे लिए एक चुनौती के रूप में सामने उभरकर आया है। हमारे देश में बेरोजगारी के कई प्रकार हैं। जिनमें मुख्य रूप में अशिक्षित, अर्द्धशिक्षित और शिक्षित बेरोजगारी ही प्रधान है। बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने में हमारी वर्तमान सरकार विफल रही है, क्योंकि अभी तक हमारी शिक्षा पद्धति रोजगार परक नहीं हो पाई है। दूसरी बात यह है कि हमने बेतहासा बढ़ती हुई जनसंख्या पर कोई रोक लगाने में सफलता प्राप्त नहीं की है। इस प्रकार से बेरोजगारी दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
4) महँगाई और भ्रष्टाचार की समस्या- हमारे देश में बेरोजगारी ओर बढ़ती हुई जनसंख्या के असीमित होने के कारण महँगाई और भ्रष्टाचार को खूब बढ़ावा मिल रहा है। रिश्वत, सिफारिश, अनुचित साधनों का प्रयोग, स्वार्थपरता आदि के कारण महँगाई और भ्रष्टाचार की समस्या दुगुनी गति से बढ़ रही है।
आज हमारा देश उपर्युक्त समस्याओं से बुरी तरह उलझा हुआ है। इन समस्याओं का निराकरण करके ही देशोत्थान संभव है|
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