Hindi, asked by ut250442, 9 months ago

plute swar ke Uadharan​

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Answered by preetysehrawat18
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Answer:

don't know

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Answered by Lakshya258
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Explanation:

प्लुत स्वर की परिभाषा

वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं।सरल शब्दों में- जिस स्वर के उच्चारण में तिगुना समय लगे, उसे 'प्लुत' कहते हैं।

इसका चिह्न (ऽ) है। इसका प्रयोग अकसर पुकारते समय किया जाता है। जैसे- सुनोऽऽ, राऽऽम, ओऽऽम्।

हिन्दी में साधारणतः प्लुत का प्रयोग नहीं होता। वैदिक भाषा में प्लुत स्वर का प्रयोग अधिक हुआ है। इसे 'त्रिमात्रिक' स्वर भी कहते हैं।

अं, अः अयोगवाह कहलाते हैं। वर्णमाला में इनका स्थान स्वरों के बाद और व्यंजनों से पहले होता है। अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग कहा जाता है।

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