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Hyderabad
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hey..............
मैं (दिल्ली ) में रहता हूँ, और यहां अप्रेल और मई के महिनोमे बहुत ज्यादा गर्मी होती है| यह दो-तीन महीने किसीको पसंद नहीं होतें है| मैंने पिछले साल बहुत पढाई की है, और मुझे इन छुट्टियों में कुछ अलग भी करना था| इसीलिए मैंने तय किया की में इस साल गर्मी की पूरी छुट्टियां अपने गांव में मनाऊंगा| मेरा गांव मुंबई से २०० किलोमीटर दूर है, वह सह्याद्रि पर्वत शृंखला में स्थित है| गर्मियोंमें वहां अच्छा मौसम रहता है|
गांव में मेरे चाचजीका घर है, घर के बाजू में ही आम, कोकम आदि के पेड़ है| जैसे ही में वहां पहुँचा मेरे गांव के दोस्त मुझे मिलने आयें| खाना होने के बाद हम लोग सीधे जंगल की तरफ गए| मैंने पेड़ से उतारे ताजा आम खाएं, हमने बहुत सारे काजू के फल भी जमा किये| मैं जब छोटा था इन्ही दोस्तों के साथ जंगल में घूमने और फल निकालने के लिए जाता था| अचानक मुझे उन सब यादोंने घेर लिया, मैं फिर एक बार वह दोस्ती महसूस कर रहां था| फिर हमने कच्चे बैर जमा किये, मेरी दादी उनकी बहुत बढ़िया चटनी बनाती है|
ऐसे करके मेरा पहला दिन बीत गया| उस रात हम लोग आँगन में सोये, जी हाँ गांव में अभीभी बहुत सारे लोक गर्मियों के मौसम में आँगन में सोते है| ऐ.सी. की हवा एक तरफ और प्रकृति की गोद में सोना एक तरफ, इनका कुछ मेल ही नहीं| उस दिन मुझे बहुत अच्छी नींद आयी|
दूसरे दिन दोस्तों के साथ टहलते समय हम गांव के प्राथमिक विद्यालय के पास पहुँचे| मैंने देखा की वहां स्कूल में कम्प्यूटर्स बिठा रहें थे| मैं स्कूल के अंदर गया और इसके बारें में पुछा| वहांके एक प्राध्यापक में बताया की इस साल से वह लोग स्कूल में कंप्यूटर की शिक्षा देंगे| पर उनके पास सिखानेके लिए कोई शिक्षक नहीं है| कोई भी उस छोटेसे गांव में नहीं आना चाहता था|
मैंने कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिया है और में बचपन से कंप्यूटर इस्तेमाल करता हूँ| तो फिर मैंने १५ दिन के लिए वहां कंप्यूटर क्लास लेने का प्रस्ताव रखा और उन्होंने वह स्वीकार किया| अगले १५ दिन मैंने वहांके बच्चोंको प्रशिक्षण दिया, मेरे दोस्त जो दसवीं कक्षा पूरी कर चुके थे उन्होंने भी प्रशिक्षण लिया| मैंने स्कूल का एक ऐन.जी.ओ. के साथ संपर्क करवाया जो कंप्यूटर,इंटरनेट शिक्षा के लिए स्वयंसेवी प्रशिक्षक भेजते है| आखरी कुछ दिनोंमे मैंने आपसपासके पर्यटन स्थल जैसे महाबलेश्वर और प्रतापगढ़ भी देखे|
यह गर्मी की छुट्टी मेरे लिए बहुत अलग थी| पहिली बार मैंने किसीके लिए कुछ किया, और मुझे बहुत अच्छा लगा| मेरे पास जो ज्ञान था वह किसीकी ज़िन्दगी बदल सकता था, जब मैंने वह ज्ञान बांटा तो मुझे उसका एहसास हुआ| मैंने अब ठान ली है जब भी मुझे वक्त मिलेगा, चाहे वह गर्मी या सर्दी की छुट्टी हो में उसे अपना ज्ञान बाटने में या किसी की मदत करनेमे इस्तेमाल करूंगा|
plz.. mark be brainlist plz
मैं (दिल्ली ) में रहता हूँ, और यहां अप्रेल और मई के महिनोमे बहुत ज्यादा गर्मी होती है| यह दो-तीन महीने किसीको पसंद नहीं होतें है| मैंने पिछले साल बहुत पढाई की है, और मुझे इन छुट्टियों में कुछ अलग भी करना था| इसीलिए मैंने तय किया की में इस साल गर्मी की पूरी छुट्टियां अपने गांव में मनाऊंगा| मेरा गांव मुंबई से २०० किलोमीटर दूर है, वह सह्याद्रि पर्वत शृंखला में स्थित है| गर्मियोंमें वहां अच्छा मौसम रहता है|
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Hi guys ☺,
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(this answer helps me to forget you Ayushi)
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Here is your answer,
The answers is in Attachment.
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(ignore my grammatical mistakes...)
hope it helps... comment on it...if you like Mark it brainlest for earning free 3 points.
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