plz answer is correctly
answer it fast
Answers
१) इलेक्ट्रॉनिक गॅजेट खेलने से क्या हनिया होती है ?
- समय की बर्बादी
इन गैजेट्स का सबसे ज्यादा असर बच्चों और किशोरों पर होता है. जिस उम्र में इन्हें पढना-लिखना और करियर पर ध्यान देना होता है उस उम्र में वे इन गैजेट्स से चिपके रहते है.
- आँखों पर बुरा असर
लम्बे समय तक स्क्रीन पर देखने से लोगों की आँखे भी कमजोर होती जा रही है. वे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी की स्क्रीन में ऐसे घुस कर बैठ जाते है की उन्हें पता ही नहीं चलता की कब उन्हें बीच में ब्रेक लेना है.
- समाज से कट जाना
इन गैजेट्स की बदौलत युवा वर्ग वर्चुअल दुनिया में जीना सीख जाते है और अपनी अलग ही दुनिया बना लेते है और रियल दुनिया यानी समाज से कट जाते है.
- स्वभाव में चिडचिडापन आ जाना
दिन का के समय इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर बिताने के कारण इनके स्वभाव में चिडचिड़ापन आने लगता है. ऐसे में इनसे सिर्फ एक मिनट के लिए मोबाइल लेके देख लो यह इस तरह चिल्लाने लगते है जैसे इनसे इनकी जिंदगी मांग ली हो.
- स्मरण शक्ति का कमजोर होना
लम्बे समय तक मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि का यूज़ करने से लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है. उन्हें आधा घंटे पहले की बात तक याद नहीं रहती.
▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔
२) भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं।
▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔
३) वैज्ञानिक , किस वातावरण में काम करते हैं, किस मनःस्थिति में काम करते हैं, संसार के विकास में वैज्ञानिक किस दिशा में मददगार होते हैं, कब, कितनी गलत दिशा देते हैं आदि सब हमारे लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं. यह माना जाता है कि "वैज्ञानिक सत्य की शोध करते हैं और सत्य का संधान आसान नहीं होता."
▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔
Explanation:
१) इलेक्ट्रॉनिक गॅजेट खेलने से क्या हनिया होती है ?
समय की बर्बादी
इन गैजेट्स का सबसे ज्यादा असर बच्चों और किशोरों पर होता है. जिस उम्र में इन्हें पढना-लिखना और करियर पर ध्यान देना होता है उस उम्र में वे इन गैजेट्स से चिपके रहते है.
आँखों पर बुरा असर
लम्बे समय तक स्क्रीन पर देखने से लोगों की आँखे भी कमजोर होती जा रही है. वे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी की स्क्रीन में ऐसे घुस कर बैठ जाते है की उन्हें पता ही नहीं चलता की कब उन्हें बीच में ब्रेक लेना है.
समाज से कट जाना
इन गैजेट्स की बदौलत युवा वर्ग वर्चुअल दुनिया में जीना सीख जाते है और अपनी अलग ही दुनिया बना लेते है और रियल दुनिया यानी समाज से कट जाते है.
स्वभाव में चिडचिडापन आ जाना
दिन का के समय इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर बिताने के कारण इनके स्वभाव में चिडचिड़ापन आने लगता है. ऐसे में इनसे सिर्फ एक मिनट के लिए मोबाइल लेके देख लो यह इस तरह चिल्लाने लगते है जैसे इनसे इनकी जिंदगी मांग ली हो.
स्मरण शक्ति का कमजोर होना
लम्बे समय तक मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि का यूज़ करने से लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है. उन्हें आधा घंटे पहले की बात तक याद नहीं रहती.
▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔
२) भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं।
▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔▔
३) वैज्ञानिक , किस वातावरण में काम करते हैं, किस मनःस्थिति में काम करते हैं, संसार के विकास में वैज्ञानिक किस दिशा में मददगार होते हैं, कब, कितनी गलत दिशा देते हैं आदि सब हमारे लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं. यह माना जाता है कि "वैज्ञानिक सत्य की शोध करते हैं और सत्य का संधान आसान नहीं होता."