Plz.... Answer the questions given below the gadyansh
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(क) हां, सभी कागजी कार्यवाही और उहापोह के बाद हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर मितिलाल जी को मूर्ति बनाने का काम सौंप दिया गया होगा । सरकारी कार्यवाही म समय अधिक बर्बाद हो जाने के कारण व कार्य की महत्ता के कारण यह कार्य स्थानीय मूर्तिकार को सौंप दिया गया था ।
(ख) इस गद्यांश से सरकारी कार्यालों की कार्यशैली पर व्यंग्य कसा गया है । गद्यांश में बताया गया है कि मूर्ति बनाने का ज्यादा बजट होने के कारण मूर्ति बनाने के लिए अधिक पैसों कि मांग की लिए कई दिन चिट्ठी - पत्री और उहापोह में बर्बाद हो गया । समय अधिक नष्ट हो जाने के कारण अंत में काम ना होने के कारण जल्दी - जल्दी में यह निर्णय लिया गया ।
(ग) मूर्ति बनाने के राह में कई परेशानियां आई होंगी जैसे मूर्ति बनाते समय उसमें पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए । कांचवाला भी यह तय नहीं कर पाया होगा या कोशिश की होगी और सफल नहीं रहा होगा । बनाते बनाते कुछ और बारीकी के कारण चश्मा टूट गया होगा ।
(घ) मूर्ति नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की थी ।
(ड) मूर्ति बनाकर पटक देने से अर्थ है, किसी युक्ति से, किसी भी प्रकार एक महीने में नेताजी की मूर्ति बनाकर सौंप देना है । मूर्ति बनाकर पटक देने से यह भी अर्थ है कि मूर्ति बनाने में कोई भाव नहीं है केवल कार्य पूरा करने के लिए मूर्ति को जैसे तैसे बना दिया जाए ।
आशा करता हूं मेरे सभी उत्तर आपको अच्छे लगे हो व आपकी समस्या का हल हो गया हो ।