plz answer this rtc of hindi ncert book of class 8 and ch 1 dhwani
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प्रसंग प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक 'वसंत' में से 'ध्वनि' नामक कविता से ली गई है। इसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला है। यहां कवि ने प्रकृति के माध्यम से निराश हताश लोगों में नव जीवन एवं खुशियों का संचार करने की बात कही है।
व्याख्या :
निराला जी कहते हैं कि मैं प्रत्येक फूल रूपी किशोर का ऊंघ से उत्पन्न आलस्य दूर कर दूंगा। अपने नए उत्साह से प्राप्त होने वाले अमृत को लोकमंगल के लिए प्रसन्नतापूर्वक अर्पित कर दूंगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक 'वसंत' में से 'ध्वनि' नामक कविता से ली गई है। इसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला है। यहां कवि ने प्रकृति के माध्यम से निराश हताश लोगों में नव जीवन एवं खुशियों का संचार करने की बात कही है।
व्याख्या :
निराला जी कहते हैं कि मैं प्रत्येक फूल रूपी किशोर का ऊंघ से उत्पन्न आलस्य दूर कर दूंगा। अपने नए उत्साह से प्राप्त होने वाले अमृत को लोकमंगल के लिए प्रसन्नतापूर्वक अर्पित कर दूंगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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