Hindi, asked by stsnerwa, 10 months ago

plz do fast as soon as possible ​

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Answered by anitamaurya0282
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Answered by Anonymous
20

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एकता और प्रेम से करो मोह, क्रोध और फूट भावना से करो सदा द्रोह।

आओ लें समाजिक एकता का संकल्प, समाज की तरक्की का यही है विकल्प।

आओ लें समाजिक एकता का संकल्प, समाज की तरक्की का यही है विकल्प।

एकता पैदा करती है लोगों के मध्य मृदु भाव, हो कितनी भी मुश्किल यह जीवन में नही होने देती उसका प्रभाव।

एकता पैदा करती है लोगों के मध्य मृदु भाव, हो कितनी भी मुश्किल यह जीवन में नही होने देती उसका प्रभाव।

एकता बिन होता है हर कार्य अपूर्ण, इसे अपनाकर करो देश को पूर्ण।

एकता बिन होता है हर कार्य अपूर्ण, इसे अपनाकर करो देश को पूर्ण।

एकता है बल और उन्नति का आधार, आओ इसे अपनाकर राष्ट्र उन्नति का सपना करें साकार।

एकता है बल और उन्नति का आधार, आओ इसे अपनाकर राष्ट्र उन्नति का सपना करें साकार।

एकता देती है समाज को शक्ति, इसके द्वारा हम प्राप्त कर सकते हैं अपने अधिकारों की अभिव्यक्ति।

एकता देती है समाज को शक्ति, इसके द्वारा हम प्राप्त कर सकते हैं अपने अधिकारों की अभिव्यक्ति।

एकता में होते हैं कुटुंब के प्राण, इसके बिना सारे बंधन हो जायेंगे निष्प्राण।

एकता में होते हैं कुटुंब के प्राण, इसके बिना सारे बंधन हो जायेंगे निष्प्राण।

एकता में है ऐसी शक्ति जो तोड़ सकती है बड़े से बड़े दंभ, आओ एकता का मार्ग अपनाकर करें नवयुग का आरंभ।

लोगों को दो एकता का ज्ञान, उनके अंदर जगाओ नया सम्मान।

एकता और प्रेम है देश के तरक्की का आधार, इसके बिना है सब बेकार।

एकता में जो बल है वो सबसे प्रबल है।

अनेकता में एकता, यही है हमारे देश की विशेषता।

चाहे भिन्न हो धर्म हमारा भिन्न हमारी भाषा हो, एकता यूँ ही बनी रहे ये हम सबकी अभिलाषा हो।

एकता की शक्ति सबसे महान है, अज्ञानी हैं वो लोगो जो इससे अनजान हैं।

विविधता में एकता सबसे महान है, इसके आगे हर मुश्किल राह आसान है।

एकता में ही बल है और इससे देश का सुनहरा कल है।

देश तभी बनेगा महान जब एकता बनेगी हमारी पहचान।

दुश्मन हमारा कुछ न बिगाड़ पाएंगे, जब हम सब भारतवासी एक हो जायेंगे।

हम अनेकता में भी एकता को दें प्राथमिकता।

धर्म जाती के अंतर को तोड़ो, हाथ मिलाओ भारत को जोड़ो।

हमारे एकता में बसते हैं हमारे देश के प्राण, आओ इसे अपनाकर करें नवयुग का निर्माण।

एकता और प्रेम है राष्ट्रहित के अनुकूल, झगड़ा और आपसी फूट है इसके प्रतिकूल।

एकता मजबूरी नही जरुरी है।

दिलों में देशप्रेम और एकता की ज्योति जलाओ, देश को तरक्की के मार्ग पर बढ़ाओ।

एकता के पाठ को बनाओ अपना धर्म, इसके प्रचार को बढ़ाकर पूरा करों अपना कर्म।

आओ मिलकर देश में एकता बढ़ाने के लिए करे संघर्ष, समाज को एककर लाये नया उत्कर्ष।

एकता किसी भी राष्ट्र या समाज के तरक्की के लिए एक प्रमुख वस्तु है।

सामाजिक एकता बिना तरक्की और खुशहाली प्राप्त करना असंभव है।

किसी देश के लोगो के मध्य की एकता भावना ही उनके प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है।

समाज में एकता की भावना का प्रसार करना हमारा कर्तव्य ही नही दायित्व भी है।

एकता लाती है समाज में नया उत्साह, लोगो के ह्रदय में करती है प्रेम का प्रवाह।

बैर और फूट कर देते हैं तरक्की के सपने को ध्वस्त, एकता के मार्ग को अपनाकर हम दे सकते हैं हर चुनौती को शिकस्त।

एक दो नही करो तुम बीसो अच्छे कार्य, पर यदि किया देश की एकता को खंडित तो सब है बेकार।

Hope this will help you

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