Hindi, asked by jainishsomani2p9je26, 1 year ago

plz give essay on बदलती जीवन शैली:गिरता स्वास्थ्य​

Answers

Answered by vasantinikam2004
2

\huge\mathfrak\red{ANSWER:-}

कैरियर को अधिक महत्त्व देने के चलते देर से विवाह, विवाह से पूर्व सैक्स संबंध और विवाह के बाद अधिक कौंट्रासैप्टिव पिल्स का प्रयोग स्वस्थ सैक्स की राह में रोड़ा बनता है. इस से गर्भाधान में दिक्कत होती है.

देर रात पार्टियों में धूम्रपान व शराब का सेवन सैक्स लाइफ को प्रभावित करता है. धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में नपुंसकता का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है. धूम्रपान करने वालों के शुक्राणुओं की तादाद व गतिशीलता में भी कमी आ जाती है. धूम्रपान से महिलाओं में समय से पहले मेनोपौज आने की संभावना रहती है जिस से इस्ट्रोजन का स्तर घटता है और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं जन्म लेती हैं. दरअसल, तनावभरी जीवनशैली में लोग भूलते जा रहे हैं कि सैक्स दांपत्य जीवन का वह मधुर पक्ष है, प्रेम का वह चरम बिंदु है जिस में युगल जीवन की संपूर्णता समाहित है. जब सैक्स आप के जीवन में पौजिटिव न हो, सैक्स में अरुचि हो तो समझ जाइए कि खतरे की घंटी है.

जितनी तेजी से विज्ञान ने तरक्की कर हमें सु सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं उतनी ही तेजी से तरहतरह की बीमारियों ने शरीर में घर बनाया है. डिप्रैशन, मैंटल डिसऔर्डर, तनाव, जैसे मानसिक रोग व मोटापा, गैस, कब्ज जैसी रोजमर्रा की तकलीफें और अस्थमा, जोड़ों का दर्द, माइग्रेन, बवासीर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व हृदयरोग जैसे गंभीर रोग इसी आधुनिक जीवनशैली की देन हैं और यही सैक्स लाइफ को बरबाद कर डालते हैं.व्यस्तता भरी जिंदगी आज की लाइफस्टाइल का हिस्सा हो गई है. अधिकांश प्राइवेट कंपनियों में देर रात तक काम करने वाले महिलापुरुष काम के प्रैशर से थक कर जब घर आते हैं तो सैक्स के प्रति अरुचि, पार्टनर से दूरियां आदि लाइफस्टाइल का हिस्सा बन जाती हैं. दांपत्य जीवन से प्रेम, यौन ऊर्जा, एकदूसरे के प्रति आकर्षण कहीं खो सा जाता है और शरीर शिथिल हो जाता है, उस में एनर्जी का अभाव हो जाता है.

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Answered by rajnandb383
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जितनी तेजी से विज्ञान ने तरक्की कर हमें सु सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं उतनी ही तेजी से तरहतरह की बीमारियों ने शरीर में घर बनाया है. डिप्रैशन, मैंटल डिसऔर्डर, तनाव, जैसे मानसिक रोग व मोटापा, गैस, कब्ज जैसी रोजमर्रा की तकलीफें और अस्थमा, जोड़ों का दर्द, माइग्रेन, बवासीर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व हृदयरोग जैसे गंभीर रोग इसी आधुनिक जीवनशैली की देन हैं और यही सैक्स लाइफ को बरबाद कर डालते हैं.व्यस्तता भरी जिंदगी आज की लाइफस्टाइल का हिस्सा हो गई है. अधिकांश प्राइवेट कंपनियों में देर रात तक काम करने वाले महिलापुरुष काम के प्रैशर से थक कर जब घर आते हैं तो सैक्स के प्रति अरुचि, पार्टनर से दूरियां आदि लाइफस्टाइल का हिस्सा बन जाती हैं. दांपत्य जीवन से प्रेम, यौन ऊर्जा, एकदूसरे के प्रति आकर्षण कहीं खो सा जाता है और शरीर शिथिल हो जाता है, उस में एनर्जी का अभाव हो जाता है.

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